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पाम_आयल- जीवन में घूलता जहर 

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   ये ऐसा ज़हर है, जो ज़िंदगियाँ बर्बाद कर रहा है, भारत विश्व में पाम आयल का सबसे बड़ा आयातक है, हमारे यहां आने वाला ज्यादातर पाम आयल इंडोनेशिया से आता है, अब तो इंडोनिशिया में हजारों एकड़ जंगल काट कर वहां पर पाम की खेती की जाने लगी है, ताकि भारत की आयल जरूरतों को पूरा किया जा सके।
    परसो पाम की प्रजातियों से जुड़ी एक पोस्ट की थी, तो कई लोगों ने पाम आयल के बारे में जानने की जिज्ञासा जाहिर की, इसलिए आप सब के लिए यह पोस्ट लेकर आया हूं।
    दरअसल जो पाम आयल हम खाते हैं यह एलएईस गुइनीन्सिस नामक पाम के फलों की लुगदी से निकाला जाता है, जिसकी तस्वीरें मैंने नीचे लगा दी हैं।
    एक आंकड़े के अनुसार वर्ष 2018 में पाम आयल की भारत मे प्रति व्यक्ति वार्षिक खपत 8 लीटर थी, अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यह 2024 में कितनी हो गयी होगी।
     अमेरिकी डॉक्टर की मानें तो इसमे मौजूद कोलेस्ट्रॉल और LDL दिल के लिए अत्यंत घातक हैं, कम उम्र में हार्ट से जुड़ी बीमारियां और डायबिटीज का जन्म देने में पाम आयल ने अपनी बड़ी भूमिका निभाई है, आप भी अपने आसपास देखते होंगे कि पिछले 15-20 वर्षों में डायबिटीज और हार्ट के मरीज तेजी से बढ़े हैं, इस बढ़ी हुई संख्या के पीछे हमारे द्वारा किये गए कुछ रिप्लेसमेंट हैं, पहला रॉक साल्ट की जगह हमने आयोडीन साल्ट प्रयोग करना शुरू कर दिया, दूसरा गुड़ की जगह चीनी का प्रयोग शुरू कर दिया, तीसरा मोटे अनाज के आटे के स्थान पर मैदा ले आये जिसमे फाइबर न के बराबर है और चौथा सरसो, मूंगफली और सोयाबीन के तेल स्थान पर पाम आयल प्रयोग करने लगे।
     इन चार ने मिलकर पूरे देश को बीमारियों का अड्डा बना दिया है। कारण साफ है कि बाजार में मिल रहे प्रत्येक फ़ास्ट फ़ूड को बनाने में इसी पाम आयल का प्रयोग हो रहा है। यहां तक कि पैक्ड स्नैक्स भी भारत मे इसी तेल से बनाये जा रहे हैं।
     कम उम्र में डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक जैसी बीमारियां इन्हीं परिवर्तनों की देन हैं…
साभार फेसबुक

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