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पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय कछार में तीन दिवसीय खेल कूद प्रतियोगिता के समापन पर भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन

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कछार, असम: पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय कछार में तीन दिवसीय संकुल स्तरीय खेल कूद प्रतियोगिता के समापन के अवसर पर एक भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में त्रिपुरा, मिजोरम, और असम के 19 जवाहर नवोदय विद्यालयों के प्रतिभागियों ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य विभिन्न संस्कृतियों और परंपराओं को प्रस्तुत करना और छात्रों के बीच सौहार्द्र और भाईचारे की तथा खेल भावना को बढ़ावा देना था। दिनांक 27 जुलाई 2024 को पीएम श्री जवाहर नवोदय विद्यालय कछार में संकुल स्तर की विभिन्न खेल कूद प्रतियोगिताओं का समापन हुआ तथा संभाग स्तर पर प्रतिभाग के लिए प्रतिभागियों को चयनित किया गया है ।बेडमिंटन में संकुल स्तर पर चयनित कुल 12 विद्यार्थीयों को जवाहर नवोदय विद्यालय नगांव  संभाग स्तर पर खेलने का अवसर मिला। टेबलनीस , खेल में चयनित कुल 9 विद्यार्थीओं को संभाग स्तर पर खेलने का अवसर मिला जो जवाहर नवोदय विद्यालय शिवसागर, असम में आयोजित किया जाएगा। बॉस्केट बॉल में जवाहर नवोदय विद्यालय कछार के कुल 8 विद्यार्थियों का जेएनवी आइजावल के तीन , जेएनवी हैलाकांडी के एक, जेएनवी सर्छिप के 5, जेएनवी कोलासिब के दो , जेएनवी साउथ त्रिपुरा के दो, जेएनवी नार्थ त्रिपुरा के एक , जेएनवी ढलाई के एक विद्यार्थी का चयन संभाग स्तर के लिए हुआ। जो जवाहर नवोदय विद्यालय गोलपारा,असम में खेलने जाएंगे।
कबड्डी में कछार से कुल पांच, हैलाकांडी से तीन, करीनगंज से पांच गोमती से 9 , उन्नाकोटी 6, कोलासीब से 2, दलाई से 3, सिपाहिजला से 4, खोवाई से एक विद्यार्थी का चयन संभाग स्तर पर हुआ जो जवाहर नवोदय विद्यालय नवगांव में खेला जाएगा।
खो – खो में कछार के कुल 11 , ढलाई के कुल 5, साउथ त्रिपुरा के 6, गोमती के कुल 8, करीमगंज के 9, जेएनवी बेलोनिया का एक, जेएनवी शिपहिजला से 4, जेएनवी वेस्ट त्रिपुरा से 8, जेएनवी नार्थ त्रिपुरा से 2, जेएनवी हैलाकांडी से 5, जेएनवी उनाकोटी से 3,जेएनवी खोवई से 1, विद्यार्थी का चयन संभाग स्तर पर जवाहर नवोदय विद्यालय बंगाईगांव के लिए हुआ है। सभी को प्राचार्य श्री विश्वास कुमार ने उनके श्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए शुभकामना संदेश दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ, जिसमें विद्यालय के प्राचार्य  श्री विश्वास कुमार , मुख्य अतिथि, और अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। इसके बाद, विभिन्न विद्यालयों के छात्रों ने अपने-अपने राज्यों की सांस्कृतिक धरोहर को नृत्य, संगीत, और नाटक के माध्यम से प्रस्तुत किया। त्रिपुरा के छात्रों ने ‘होझागिरी’ नृत्य का प्रदर्शन किया, जबकि मिजोरम के छात्रों ने ‘चेराव’ नृत्य प्रस्तुत किया, जिसे बांस नृत्य के नाम से भी जाना जाता है। असम के छात्रों ने ‘बीहू’ नृत्य की प्रस्तुति दी, जो असम का प्रमुख लोकनृत्य है और इसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दौरान एक विशेष नाटक भी प्रस्तुत किया गया, जिसमें शिक्षा, समानता, और पर्यावरण संरक्षण जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक मुद्दों को उठाया गया। इस नाटक ने दर्शकों को गहनता से सोचने पर मजबूर कर दिया और समाज में बदलाव लाने के लिए युवा पीढ़ी की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया।
विद्यालय के प्राचार्य श्री विश्वास कुमार  ने अपने संबोधन में सभी प्रतिभागियों की सराहना की और उनके प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे सांस्कृतिक कार्यक्रम छात्रों की प्रतिभा को उजागर करने और उन्हें अन्य संस्कृतियों को समझने का अवसर प्रदान करते हैं। कार्यक्रम के संयोजन में संगीत शिक्षिका बनश्री दास की महत्वपूर्ण भूमिका रही। मंच संचालन बरनाली चौधरी, टीजीटी इंग्लिश द्वारा किया गया, जिन्होंने कार्यक्रम को सुचारू रूप से संचालित किया। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन श्री विकास कुमार उपाध्याय, टीजीटी हिंदी ने किया।
कार्यक्रम में पियानो पर संगति किशोर कुमार सांदू, पीजीटी इतिहास ने दी, जिससे सांस्कृतिक प्रस्तुतियों को और भी जीवंत बना दिया गया। तकनीकी सुविधा श्री तरुण कुमार, पीजीटी कंप्यूटर विज्ञान, और कुंदालाल सिंहा द्वारा प्रदान की गई, जिन्होंने पूरे कार्यक्रम के तकनीकी पहलुओं को संभाला। विज्ञान प्रदर्शनी का संयोजन डॉ. पुलिन नाथ, पीजीटी रसायन विज्ञान, ने किया, जिसमें छात्रों द्वारा विज्ञान परियोजनाओं का प्रदर्शन किया गया। खेल प्रतियोगिता का संयोजन सुश्री ज्योति देवी और विद्यानंद सिंघा, दोनों शारीरिक शिक्षक, ने किया, जिन्होंने छात्रों के बीच खेल और प्रतिस्पर्धात्मक भावना को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस आयोजन ने न केवल प्रतिभागियों बल्कि दर्शकों को भी समृद्ध सांस्कृतिक अनुभव प्रदान किया। यह कार्यक्रम भविष्य में छात्रों के जीवन में यादगार बना रहेगा और उन्हें उनकी सांस्कृतिक जड़ों से जोड़ने का कार्य करेगा। इस तीन दिवसीय कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ, जिससे सभी उपस्थित लोगों में देशभक्ति की भावना और भी प्रबल हो गई।

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