एक बार फिर हमारे कई वीर सैनिक जम्मू -कश्मीर के पुँछ क्षेत्र में पाक प्रायोजित आतंक के शिकार हुये हैं I भारत माता के पांच वीर सपूत – नायक सूबेदार जसविंदर सिंह , नायक मनदीप सिंह ,सिपाही सरज सिंह ,सिपाही सज्जन सिंह और सैनिक वैशाख एच I अपने प्राणों की बलि देकर इन महावीरों ने भारत के स्वाभिमान और अस्तित्व की रक्षा की है I इन सभी परम वीरों को हमारा कोटि कोटि नमन ! जिन परिस्थितियों में इन रणबांकुरों ने अपना प्राणोत्सर्ग किया है उसका हृदयस्पर्शी वर्णन पढ़ कर , देख कर किसका चित्त मर्माहत नहीं होगा I एक अबोध बेटी अपने शहीद पिता को आखिरी ‘सैल्यूट’ दे रही हैI दूसरे शहर में दो वर्षीय पुत्र यह समझ में नहीं आ रहा है आखिर उसके पिता इस गहरी नींद से कब उठेंगे ? एक अन्य स्थान पर एक वृद्ध पिता को अपने नौजवान पुत्र को मुखाग्नि देनी पड़ रही है I किसी नवविवाहिता का सिंदूर -सुहाग सदा सदा के लिए उजड़ गया है I
आखिर कब तक हम भारत के विरूद्ध इस छद्मयुद्ध और षड्यंत्र को सहन करते रहेंगे और हमारे वीर जवान अपने प्राणों की बलि देते रहेंगे ? इन हुतात्माओं का बलिदान कुछ दूरगामी प्रश्न अवश्य खड़ा करता है I अफगानिस्तान में तालिबान शासन के बाद से पाकिस्तान का मनोबल आसमान पर है और वह कश्मीर को छल -छद्म तथा आतंक के माध्यम से हथियाने के लिए उतावला हो गया है और वह आये दिन इसी प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति करता रहता है I बात कश्मीर तक ही सीमित नहीं है I दुश्मन की कुदृष्टि लालकिले पर है I चारमीनार पर है I पूरे हिंदुस्तान पर है I वह जेहादी शक्ति के बल पर ‘गजवे हिन्द’ को अंजाम देना चाहता है I पाकिस्तान की इस कुत्सित मनोवृत्ति को हम समस्त भारतवासी जितनी जल्दी समझ लें उतना ही भला है अन्यथा हम कश्मीर के छद्म युद्ध में ही नहीं पूरे भारत के विरुद्ध इस सुनियोजित षड्यंत्र बुरी तरह से विफल और पराजित होंगे I पूँछ में इन बहादुर सैनिको का बलिदान हमें इस कड़ुवे सच से साक्षात्कार करा सका और हम सभी भारतवासी इसके प्रतिकार के लिये जाति- धर्म , भाषा -क्षेत्र ,ऊँच-नीच सभी मतभेद भुला कर कमर कस कर तैयार हो सके और कोई सार्थक नीति बना सके तो इन सपूतों का बलिदान व्यर्थ नहीं जायेगा I चुनौतियां बहुत बड़ी है I दो -दो मोर्चों पर युद्ध हो सकता है I दुश्मन कपटी ,अविश्वसनीय और धोखेबाज है ही घर के अंदर जयचंद और मीरजाफरों की कमी नहीं है इसलिए हे भारतवासियों , माँ के वीर सपूतों अपनी मातृभूमि -जन्मभूमि की सुरक्षा -संरक्षा के लिये सब कुछ दांव पर लगा कर तैयार रहो I तत्पर रहो I पुँछ , पेगांग ,पुलवामा , पठानकोट और कारगिल में शहीद हुतात्माओं की हम सबसे यही अपेक्षा है I आइये हम इस अग्निपरीक्षा में खरे उतरे I