गुवाहाटी, 05 नवंबर । आज से तेरह साल पहले असम के आसमान में गम के बादल छा गये थे। महाबहू ब्रह्मपुत्र रो रहा था, सुर की धारा खामोश हो गयी थी। वैश्विक स्तर पर असम की पहचान काे कलाकार खा.भूपेन दा ने हमें हमेशा के लिए छोड़ गये थे। उल्लेखनीय है कि 05 नवंबर, 2011 को भूपेन ने नाश्वर जगत से महाप्रयाण किया था।
ये बातें आज मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर करते हुए भारत रत्न सुधाकंठ डॉ. भूपेन दा की पुण्यतिथि के अवसर पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करते हुए कहीं।
मुख्यमंत्री डॉ. सरमा ने अपने पोस्ट में कहा है कि आज सुधाकंठ डॉ. भूपेन हज़ारिका की पुण्य तिथि पर उन्हें प्रणाम करते हुए शत-शत नमन, विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। असम के आसमान के चमकते सितारे के रूप में भूपेनदा अनंतकाल तक जीवित रहेंगे। असमी और आने वाली पीढ़ियां सदाबहार कलाकार को समय के प्रवाह में अमूल्य योगदान के साथ लेकर चलती रहेंगी, क्योंकि उनकी रचना की यही अपील है!