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पिछले कुछ दिनों से बराक घाटी में लगातार महिलाओं के साथ अन्याय हो रहा है। कई लोगों के साथ बलात्कार किया गया, पीटा गया और बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह कम होता अगर उपद्रवियों में पुलिस और प्रशासन का खौफ होता।
प्रशासन को तेज एवं सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि बुरी मानसिकता वाले लोग अपराध करना दूर उसके बारे में सोचने से भी डरें। प्रशासन को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी को भी न्याय के लिए सड़कों पर उतरकर आंदोलन नहीं करना पड़े। अगर पुलिस तेजी से कार्रवाई करे तो कई घटनाओं से निपटा जा सकता है। बड़ी आबादी वाले इलाकों में हर चीज के लिए पुलिस का इंतजार नहीं करना चाहिए, लड़कियों को आत्मरक्षा के लिए कुंग फू कराटे सीखना चाहिए। जिससे लड़किया अपनी सुरक्षा खुद कर सकें।
गैरिक भारत शिलचर नगर समिति ने आज काछार के अतिरिक्त जिला आयुक्त के माध्यम से असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा को एक ज्ञापन जारी कर मांग की कि पुलिस कार्रवाई तेज से होनी चाहिए। गैरिक भारत के अखिल भारतीय अध्यक्ष मणि भूषण चौधरी ने इस संदर्भ में उपरोक्त टिप्पणी की।
उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक क्षेत्र के लोगों को भी अपनी भूमिका को और अधिक सामाजिक रूप से जागरूक बनाना चाहिए। ऐसे में प्रत्येक पार्टी के कार्यकर्ताओं को समाज के लिए नेताओं का इंतजार करने के बजाय अपनी अंतरात्मा की आवाज सुननी चाहिए। श्री चौधरी ने आंदोलन के विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला, उन्होंने आंदोलन में शामिल हुए लोगों से आंदोलन के दौरान लोकतंत्र के हर पहलू का ध्यान रखने का आग्रह किया।
और चूंकि असम के मुख्यमंत्री स्वयं गृह मंत्रालय के प्रभारी हैं, इसलिए गैरिक भारत के आह्वान पर डॉ. हिमंत बिस्वा शर्मा से बराक घाटी पर विशेष ध्यान देने का आह्वान किया है।
आज ज्ञापन सौंपने के दौरान सलाहकार स्वर्णाली चौधरी, अधिकारी राजू चंद्र दास, बिप्लब रॉय, सूरज नाथ, आशीष कुमार नाथ, सत्यम डे, रंजीत कानू, देबज्योति घोष, श्रीवास दास, दीपजॉय चक्रवर्ती, चंदन देव और अन्य उपस्थित थे।




















