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विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे शून्यकाल में एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री डॉ हिमंत बिश्व सरमा के उत्तर के दौरान विपक्ष ने पुलिस के एनकांउटर को लेकर सरकार पर तीखा हमला किया। लेकिन, आज सदन में मुख्यमंत्री ने मजबूती से अपने तर्कों को रखते हुए विपक्ष का मुंह बंद कर दिया।
कांग्रेस के विधायक शेरमेन अली ने एनकाउंटर पर सवाल उठाया। शेरमान अली बेहद तल्ख लहजे में कहा कि पुलिस जहां-तहां अपराधी बताकर लोगों को गोली मार रही है।
जवाब में मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा, यह सरकार अपराध को लेकर जीरो टॉरलेंस की नीति पर काम कर रही है। अगर पुलिस को गोली मारना चाहते हैं तो उत्तर निश्चित ही मिलेगा। उन्होंने दृढ़ता के साथ कहा कि जब तक मैं इस गद्दी पर रहूंगा इसको बर्दाश्त नहीं करूंगा। अगर कोई पुलिस पर हमला करता है तो क्या पुलिस बैठी रहेगी? जब तक मैं इस गद्दी पर रहूंगा; तब तक असम पुलिस पर हमला करने वालों को कोई बचा नहीं पाएगा। मैं अपने विभाग को कमजोर नहीं कर सकता. कानून के दायरे में रहकर पुलिस ने अपराधियों के विरूद्ध कार्रवाई करेगी। साथ ही कहा कि सदन में किसी भी तरह के विरोध रूपी विष का पान करने के लिए मैं तैयार हूं। मैं नीलकंठ की तरह आलोचना रूपी विषपान करूंगा।
मुख्यमंत्री कहा कि कोई असम पुलिस को ट्रिगर हैप्पी कह कर नीचा दिखाने की कोशिश कर सकता है। 400 से 500 करोड़ रुपये की ड्रग्स का कारोबार राज्य में चल रही है। सदन में उपस्थित विपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसे अपराध को रोकने के लिए असम पुलिस का उत्साहवर्धन करने का आह्वान किया।
दूसरी ओर सदन के उप नेता प्रतिपक्ष रकीबुल हुसैन ने कहा कि ड्रग्स के खिलाफ जारी अभियान का मैं भी समर्थन करता हूं, लेकिन यह अभियान बीच रास्ते में बंद नहीं होना चाहिए। जो बच्चे ड्रग्स का सेवन कर रहे हैं, वे हमारे ही बच्चे हैं। ऐसे बच्चों के लिए रिहैब सेंटर की व्यवस्था करनी चाहिए। साथ ही उन्होंने भी एनकाउंटर को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि वर्तमान समय में एनकाउंटर अधिक हो रहा है, यह विचार करना चाहिए कि यह आत्मरक्षा के लिए हो रहा है या फिर प्रचार के लिए।
रकीबुल के सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर अपराधियों की कार्यशाला होती तो अच्छा और बुरे का फर्क हो जाता तो ऐसा नहीं होता। पुलिस सिर्फ भागने की कोशिश करने वाले अपराधियों को गोली मारी है। उन्होंने कहा कि “उड़ता पंजाब सिनेमा की तरह अंदरूनी तौर पर उड़ता असम बनता जा रहा था।”
दूसरी ओर, कुछ आतंकवादियों के मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल होने की टिप्पणी करते हुए प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट आफ असम (उल्फा) स्वाधीन (स्व) को उन्होंने ड्रग्स के कारोबार से क्लीन चिट दे दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उग्रवादी के मामले में हमने यह नहीं कहा है कि उल्फा (स्व) भी ड्रग्स के कारोबार में शामिल है। मैं किसी को इसका गलत अर्थ निकालने नहीं चाहिए। उल्फा (स्व) ने भी परिचित पुलिस को को ड्रग सप्लायरों के बारे में सूचित किया है। यह अच्छी खबर है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असमिया लोग अभी इतने निचले स्तर पर नहीं गये हैं। कुछ उग्रवादी ही ड्रग्स के कारोबार में शामिल हैं।