रताबाड़ी, 9 मार्च | विशेष संवाददाता
रताबाड़ी पुलिस ने एसिड अटैक के मुख्य आरोपी बसीर उद्दीन और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया है। यह हमला सड़क के किनारे मिट्टी को लेकर हुए विवाद के बाद हुआ था। गिरफ्तारी के बाद जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि आरोपी ने एसिड अटैक की गंभीरता को कम करने के लिए सुनियोजित तरीके से अपने ही घर में आग लगाई थी।
एसिड अटैक के बाद आगजनी की साजिश
पुलिस के अनुसार, बसीर और उसके भाई जमाल उद्दीन ने खुद को निर्दोष साबित करने और अभियोजन से बचने के लिए अपने घर में आग लगाने की साजिश रची। दिनभर घर से कीमती सामान और फर्नीचर हटाने के बाद रात में आग लगा दी गई, ताकि इसे विरोधियों द्वारा किया गया कृत्य बताया जा सके।
गांववालों की चुप्पी से नाकाम हुई चाल
बसीर ने यह उम्मीद की थी कि आग की लपटें देखकर गांववाले दौड़ पड़ेंगे, जिससे उनकी योजना सफल हो जाएगी। लेकिन, इलाके में अक्सर पारिवारिक झगड़े होने के कारण ग्रामीणों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया और कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। इससे बसीर की साजिश नाकाम हो गई।
पीड़ित परिवार का दर्द: “बसीर उद्दीन ने हमारा जीवन नर्क बना दिया”
एसिड अटैक झेल रही महिलाओं ने रोते हुए पुलिस और स्थानीय प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने कहा,
“केवल तालगांव ही नहीं, बल्कि पूरे रताबाड़ी के लोग जानते हैं कि बसीर उद्दीन किस तरह का इंसान है। उसने हमारे जीवन को नरक बना दिया है।”
पीड़िता के परिवारवालों ने आगजनी की साजिश को उजागर करते हुए कहा—
“अगर हमने खुद ही घर में आग लगाई होती, तो हम पक्के मकान के बजाय अपनी झोपड़ी क्यों जलाते?”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि एसिड अटैक के बाद से उनके बच्चों को स्कूल भेजना मुश्किल हो गया है। हर रात घरों के दरवाजों पर ईंट और पत्थर फेंके जाते हैं, जिससे परिवार दहशत में जी रहा है।
पुलिस ने पकड़ा फर्जी मामला, आरोपी अदालत में पेश
पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि बसीर और जमाल ने अपनी बहन के सिर पर वार करके झूठी रिपोर्ट दर्ज कराने की कोशिश की थी, ताकि पुलिस को गुमराह किया जा सके। लेकिन पुलिस ने चालाकी से उनकी साजिश को पकड़ लिया और बुधवार रात मुख्य आरोपी बसीर उद्दीन और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने गुरुवार को दोनों आरोपियों को अदालत में पेश किया। अब प्रशासन पर दबाव बढ़ रहा है कि एसिड अटैक पीड़ितों को सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित किया जाए।