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हिंदी प्रचार-प्रसार एवं कार्य प्रणाली की चुनौतियों पर हुआ विचार-विमर्श
गुवाहाटी, 6 जून।
राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार तथा कार्य प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने हेतु आज गुवाहाटी में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय, गुवाहाटी तथा गुवाहाटी रिफाइनरी के संयुक्त तत्वावधान में उत्तर पूर्व क्षेत्र के सभी नराकास (नगर राजभाषा कार्यान्वयन समिति) सदस्य सचिवों के लिए आयोजित की गई।
कार्यशाला का मुख्य विषय था “नराकास कार्य प्रणाली: चुनौतियां एवं समाधान”, जिसमें हिंदी के प्रचार-प्रसार को संस्थागत स्तर पर सुदृढ़ बनाने के उपायों पर विचार-विमर्श हुआ। विभिन्न सत्रों में यह चर्चा हुई कि कार्य प्रणाली में सुधार कैसे लाया जाए तथा हिंदी के प्रति जागरूकता और व्यवहारिक अनुप्रयोग को किस प्रकार बढ़ावा दिया जा सकता है।
कार्यक्रम के दौरान भारत सरकार के राजभाषा विभाग की केंद्रीय सचिव श्रीमती अंशुली आर्या ने ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर सभी प्रतिभागियों को संबोधित किया। उन्होंने हिंदी को सशक्त रूप से आगे बढ़ाने के लिए कार्यरत सभी सदस्य सचिवों की सराहना की और उन्हें उत्साहित किया कि वे अपने-अपने कार्यालयों में हिंदी के प्रयोग को और सशक्त बनाएं।
कार्यशाला में क्षेत्रीय कार्यान्वयन कार्यालय गुवाहाटी के उपनिदेशक श्री राजीव कुमार नायक, सहायक निदेशक सहित विभिन्न कार्यालयों के नराकास सदस्य सचिव उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर हिंदी के प्रभावी अनुपालन और उत्तरोत्तर विकास हेतु सुझाव साझा किए।
इस अवसर पर नराकास शिलचर के सदस्य सचिव डॉ. सौरभ वर्मा भी कार्यशाला में उपस्थित रहे और उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए पूर्वोत्तर भारत में हिंदी के प्रचार की दिशा में निरंतर कार्य करने की आवश्यकता पर बल दिया।
ज्ञात हो कि पूर्वोत्तर भारत में वर्तमान में कुल 32 नराकास समितियाँ कार्यरत हैं, जो केंद्र सरकार के कार्यालयों में राजभाषा नीति के सफल कार्यान्वयन हेतु निरंतर प्रयासरत हैं।





















