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पूर्वोत्तर ने लंबे समय तक बर्बादी झेली, अब वो समय बीत गया- डॉ. कृष्ण गोपाल

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उद्यमी सम्मेलन-2022: सातवें उद्योग मेले में लघु उद्योग भारती का 28वां स्थापना दिवस मनाया गया

गुवाहाटी, 25 अप्रैल (हि.स.)। लघु उद्योग भारती ने आज सातवें उद्योग मेले में अपना 28वां स्थापना दिवस मनाया। इसी दौरान 23 जनवरी से तीन दिवसीय राष्ट्रीय कार्य समिति की बैठक भी आयोजित की गयी। इसके मद्देनजर सोमवार को यहां उद्यमी सम्मेलन-2022 का आयोजन किया गया।

उद्यमी सम्मेलन-2022: सातवें उद्योग मेले में लघु उद्योग भारती का 28वां स्थापना दिवस मनाया गया

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल ने कहा कि असम का तेजी से विकास हो रहा है। उग्रवाद समाप्त हो गया, सड़कें चौड़ी हो रही हैं, रेल यातायात बढ़ रहा है। इंजिनियिरंग कॉलेज, मेडिकल कॉलेज बढ़ रहे हैं। गुवाहाटी आईआईटी देश के टॉप पांच आईआईटी में शामिल हैं। वातावरण अब तेजी से बदल रहा है। 35-40 वर्षों तक पूर्वोत्तर ने बर्बादी झेली, उग्रवादी विकास नहीं चाहते थे। अब वो समय बीत गया है।

उन्होंने कहा, कब कहां पहुंचेंगे, पहले पता नहीं चलता था। पहले आगे पीछे एस्कॉर्ट के साथ जाना पड़ता था। शांति का माहौल नहीं था, विस्फोट होते थे। ऐसे में विकास नहीं हो सकता। अब ये सब बदल गया है। सारे देश की हरियाली में अधिकांश हिस्सा पूर्वोत्तर में है। भगवान ने बहुत कुछ दिया है। अब लोग यहां निवेश कर सकते हैं। अब यहां उत्पादन होना चाहिए, बाहर से लाना बंद करें। कुछ सामान निर्यात भी कर सकते हैं। कई पड़ोसी देशों के साथ व्यापार कर सकते हैं। अच्छी नीतियां बन रही हैं। दोनों सरकारें मिलकर काम कर रही हैं। असम के लोग उत्सव प्रिय हैं। मिलनसार हैं, प्रसन्नता से रहते हैं। इस अवसर को खोना नहीं है। अभी उन्नति का समय है, इससे लोगों को रोजगार मिलेगा। असम के लोग नये-नये उद्योग लगाएं, सारे देश के लोग इसमें सहायता करें। ताकि सभी का विकास हो।

उन्होंने कहा कि कभी ऐसा लगता था कि पूरे देश की सारी समस्या पूर्वोत्तर में है, अब परिस्थितियां बदल गयी हैं।

उन्होंने कहा कि अगरतला से राजधानी एक्सप्रेस शुरू करने के लिए, जब तत्कालीन रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने अधिकारियों से कहा तो उन्होंने कहा कि मीटर गेज है, ब्रिज छोटे हैं, पहाड़ काटना पड़ेगा। आधे घंटे में उन्होंने अधिकारियों को समझा दिया और देखते ही देखते अगरतला से राजधानी एक्सप्रेस शुरू हो गयी। लघु उद्योग भारती ने यहां राष्ट्रीय समिति की बैठक आयोजित कर एक नया द्वार खोल दिया है। समस्याएं हैं, मिलकर उनका समाधान करना है। असम के लोगों की आय दोगुनी हो इसका उपाय करना है।

कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे केंद्रीय राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि संस्था की जो भी समस्या है, हमें बताइए हम उसे पूरा करने की कोशिश करेंगे। लेकिन, आपको आत्मनिर्भर होना चाहिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूर्वोत्तर के विकास के लिए सभी मंत्रियों को महीने में कम से कम एक दिन पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा करने का निर्देश दिया है। अच्छी औद्योगिक नीतियां बनेंगी, इसका मैं आप सभी को विश्वास दिलाता हूं।

वहीं असम सरकार के मंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने कहा कि आजादी से पहले असम एक समृद्ध राज्य था। आजादी के बाद धीरे-धीरे कमजोर होता चला गया, लेकिन अब फिर से इसमें तेजी से सुधार हो रहा है। वहीं बलदेव भाई प्रजा ने अपने संबोधन में कहा कि छोटे उद्योग धंधों को बचाने के लिए 25 अप्रैल, 1994 में लघु उद्योग भारती का गठन किया गया। उन्होंने बताया कि भारत के सभी राज्यों के 450 जिलों में 32 हजार से ज्यादा सदस्य है।

कार्यक्रम में स्वागत भाषण देते हुए मनोज लुंडिया ने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार ने इस आयोजन में पूरा सहयोग दिया है। उद्यमी सम्मेलन-2022 में कुल 422 स्टाल लगाये गये हैं। जिसमें 120 केंद्रीय तथा 90 स्टाल प्रदेश के लगाये गये हैं। इतना बड़ा कार्यक्रम कभी गुवाहाटी में नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि हमारे सदस्यों ने भी हमारे अनुरोध को स्वीकार किया और अपना स्टाल लगाकर इस कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया है।

इस मौके पर लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय अध्यक्ष बलदेव भाई प्रजा, महामंत्री घनश्याम ओझा, पूर्व अध्यक्ष ओमप्रकाश मित्तल, मनोज लुंडिया, आशीष देवरा, पूर्व अध्यक्ष जितेंद्र गुप्ता, गोविंद लेले, संगठन मंत्री प्रकाश चंद्र के साथ ही स्थानीय सक्रिय कार्यकर्ता घनश्याम धानुका, विजित, अमित, अरुप पुजारी, राजेन कलिता, हर्ष अग्रवाल, अरुण समेत अन्य सम्मानित अतिथि मौजूद थे। धन्यवाद ज्ञापन विवेक अग्रवाल दिया तथा कार्यक्रम का संचालन विकासजी ने किया।

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