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चन्द्रशेखर ग्वाला शिलचर, 16 अक्टूबर :–पोर्टल और यूट्यूबर्स खुद को पत्रकार बताकर समाज को गुमराह कर रहे हैं। आज के समय में वैध संवाददाताओं और पत्रकारों का मोल घटता जा रहा है। जिनके पास कोई वैधता नहीं है वे भी बड़े मंच पर जाकर अपना परिचय पत्रकार के रूप में देते हैं। ऐसे स्वयंभू पत्रकारों के दबाव में वास्तविक पत्रकारों और समाचार जगत को चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। काछाड़ के काठीघोड़ा सामूहिक फुटबॉल टूर्नामेंट के फाइनल प्रतियोगिता में ऐसे ही अनेक अवैध संवाददाताओं की भीड़ लगी देखी गई। इन स्वयंभू पत्रकारों की ताकत का अंदाजा इस बात से लग जाता है कि यूट्यूबर पोर्टल पत्रकारों को आयोजन समिति द्वारा मंच पर बुलाया गया और अंगवस्त्र प्रदान कर उनका स्वागत किया गया। ज्ञात हो कि धोलाई विधानसभा क्षेत्र में मातृभूमि क्लब द्वारा आयोजित फुटबॉल प्रतियोगिता में भी यही मंजर देखा गया था। कुछ विज्ञ लोगों का प्रश्न है कि वास्तविक पत्रकारों को पीछे रखकर किस तरह से जनप्रतिनिधियों और आयोजन समिति के पदाधिकारियों ने किसी भी अखबार या वैध चैनल से बिना जुड़े लोगों को संवाददाता का मर्यादा दिया जा रहा है। जानकारों के अनुसार जिनके पास कानूनी वैधता नहीं है, वे कैसे बड़े आयोजनों में जाकर खुद को पत्रकार बता सकते हैं। अगर प्रशासन इन गुमनाम पत्रकारों से तुरंत नहीं निपटता तो शायद एक दिन पत्रकारों की दुनिया यानी लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हास्यास्पद हो जाएगा। विज्ञ महल ने सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी का ध्यान इस ओर आकृष्ट कराया है कि समाचार जगत की गरिमा लोगों के मन से लुप्त न हो जाए।