शिलचर, 5 मई: हाल ही में बंगाली नवनिर्माण सेना द्वारा प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय, शिलचर शाखा पर लगाए गए आरोपों का तीव्र शब्दों में खंडन किया संस्थान की संचालिका ज्योति कलिता ने। सोमवार को तारापुर चांदमारी स्थित संस्था के सभागार में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने स्पष्ट किया कि श्रीमती कनिका शर्मा की असहायता का लाभ उठाकर उनके भवन पर किसी प्रकार का जबरन कब्जा नहीं किया गया है।
ज्योति कलिता ने बताया कि कनिका शर्मा ने स्वेच्छा से अपनी संपत्ति के चार कमरे संस्थान को दान स्वरूप दिए हैं, जबकि शेष चार कमरे उनके निजी उपयोग के लिए सुरक्षित हैं। उन्होंने कहा कि वर्ष 2011 में कनिका शर्मा और संस्था के बीच सरकारी नियमों के अनुसार 10 वर्षों की रजिस्टर्ड गिफ्ट डीड की गई थी, जिसमें यह साफ तौर पर उल्लेख है कि कनिका शर्मा जीवन भर निचले चार कमरों में निवास कर सकती हैं और संस्था उन्हें कभी भी वहाँ रहने से नहीं रोकेगी।
संचालिका ने यह भी जानकारी दी कि बाद में संस्था ने गुरु भाई-बहनों की सहायता से पास की जमीन खरीदकर एक नया भवन भी निर्माण कराया। कनिका शर्मा को किसी भी समय वहाँ से निकाला नहीं गया। वर्ष 2022 की भीषण बाढ़ के दौरान उनके घर में पानी घुस जाने के कारण वह अस्थायी रूप से अन्यत्र चली गईं थीं। यदि वे चाहें तो आज भी वहाँ रह सकती हैं।
ज्योति कलिता ने अपने ऊपर लगाए गए वित्तीय अनियमितता के आरोपों को भी सिरे से खारिज करते हुए कहा कि “प्रणामी बॉक्स” में प्राप्त दान की रसीद आमतौर पर नहीं दी जाती क्योंकि संस्थान का समस्त आय-व्यय का लेखा-जोखा राजस्थान के माउंट आबू स्थित मुख्यालय द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता है।
इस अवसर पर संस्था के गुरु भाई सुशीम चंद्र नाथ ने भी मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय एक आध्यात्मिक ज्ञान एवं साधना केंद्र है। यहाँ किसी प्रकार की अनियमितता नहीं हुई है, बल्कि यह मामला कुछ गलतफहमी और संवाद की कमी का परिणाम है।





















