स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण प्रजापति (1934 – 2025)
चेनकुड़ी निवासी प्रतिष्ठित समाजसेवी अमरनाथ प्रजापति के पूज्य पिता, स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण प्रजापति का 1 अक्टूबर 2025 की संध्या 6:30 बजे शांतिपूर्वक निधन हो गया। 91 वर्ष की आयु में भी वे अपनी सादगी, धार्मिक प्रवृत्ति और पारिवारिक उत्तरदायित्व के निर्वहन के कारण सबके लिए प्रेरणास्रोत बने रहे।
स्वर्गीय प्रजापति जी का जीवन संघर्ष, कर्मठता और समाज-निष्ठा का अनुपम उदाहरण रहा। चेनकुड़ी चाय बागान में वे लंबे समय तक फैक्ट्री इंचार्ज के रूप में अपनी सेवाएँ देते रहे। अपने कर्तव्यनिष्ठ और व्यवहारकुशल स्वभाव के कारण वे सहकर्मियों और स्थानीय समाज में आदरणीय बने रहे।
उनका जीवन केवल परिवार तक सीमित नहीं था, बल्कि वे समाज के भी अभिभावक थे। धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों में उनकी सक्रिय भागीदारी उन्हें लोगों के हृदय के निकट लाती रही। अपने बच्चों को संस्कार और शिक्षा के बल पर प्रतिष्ठित स्थान दिलाना ही उनके जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि रही।
वे अपने पीछे पाँच पुत्र—मदन मोहन, कृष्ण मोहन, हरिमोहन, जगदीश और अमरनाथ, पाँच पुत्रवधुएँ, एक पुत्री यशोमति, चार पौत्र, छह पौत्रियाँ और एक परपौत्री सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। इतना बड़ा और संस्कारित परिवार उनके जीवन की सफलता का प्रमाण है।
उनके निधन पर क्षेत्र के गणमान्य व्यक्तियों, परिजनों, मित्रों और शुभचिंतकों ने गहरा शोक व्यक्त किया। सभी ने उनके घर पहुँचकर संवेदना दी और दिवंगत आत्मा की शांति एवं मोक्ष के लिए प्रार्थना की।
2 अक्टूबर को उनके पैतृक गाँव में गमगीन वातावरण में उनका अंतिम संस्कार संपन्न हुआ।
स्वर्गीय लक्ष्मी नारायण प्रजापति भले ही आज हमारे बीच नहीं हैं, किंतु उनके द्वारा स्थापित मूल्य, सरलता और सेवा-भाव सदैव समाज को प्रेरित करते रहेंगे।




















