…..*”पंगु चढ़ै गिरिवर…*
-प्रत्यारोपण शिविर ने दिए नए पंख
-40 सीढ़ियां चढ़ राम दरबार में नवाया शीश
(सुबोध मिश्र)
प्रकृति प्रेम में पहाड़ चढ़ने की उत्कट अभिलाषा को रेल हादसे ने भरसक निगल जाने का प्रयास किया हो, पर बुलंद हौसले और जोश से लबरेज युवक को अशोक सिंघल फाउंडेशन ने नए पंख दिए| अंग प्रत्यारोपण शिविर में कृत्रिम पैर लगने पर जीवन प्रवाह पुनः सहज़ नजर आने लगा| नवीन पैर लगने के बाद पैदल ही रामलला व प्रथम तल पर राम दरबार का दर्शन कर प्रभु का आशीर्वाद लिया|

प्रयागराज के मध्य प्रदेश सीमा से सटे गांव कोरांव निवासी अभय द्विवेदी (28) को जिंदगी उस समय अंधेरे में लगी जब 21 अक्टूबर 23 को शंकरगढ़ रेलवे स्टेशन पर उनका बायां पैर ट्रेन और प्लेटफॉर्म के बीच फंस कर पूरी तरह मसल गया| किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी में चिकित्सकों को जख़्मी हिस्सा काट कर अलग करना पड़ा| लगभग पांच-छह घंटे के लंबे ऑपरेशन के बाद जब अभय ने घुटने के नीचे से कटा पैर महसूस किया तो जिंदगी और मौत के बीच झंझावात में डूबने उतराने लगा|
अयोध्या के कारसेवकपुरम में स्व. अशोक सिंघल की जयंती पर लगने वाले अंग प्रत्यारोपण शिविर में बीते वर्ष विशेषज्ञों ने प्रत्यारोपण के लिए विशेष ऑपरेशन का सुझाव दिया| सब व्यवस्थित होने के बाद शिविर में प्रत्यारोपण होने के साथ अभय को सब सामान्य महसूस होने लगा| एक सवाल पर अभय ने कहा कि हिमालय की पर्वत श्रृंखलाओं का नैसर्गिक सौन्दर्य व फक्कड़ साधु संतो का सान्निध्य उन्हें विशेष आकर्षित करता है| आगे योग, ध्यान के विस्तार को माध्यम बना कर जीवन यापन की योजना को मूर्त रूप देना चाहते हैं| साथ ही अशोक सिंघल फाउंडेशन का आभार व्यक्त किया|
(लेखक स्वतंत्र पत्रकार हैं)





















