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पावन दिवस नवरात्रा में माँ तेरा अभिनंदन
प्रथम दिवस शैलपुत्री माँ दुर्गा को वंदन ,
दाएँ हाथ त्रिशूल बाएँ कमल जिसके साजे
हम भक्तों के हृदय में माँ तू नित ही विराजे,
जगत माता हिमालय पुत्री हैं वृषभवाहिनी,
आदि शक्ति अनादि शक्ति माँ दुःख निवारणी,
सह ना पायी देवी सती कटु वचनो का अपमान
कूद गई कुंड हवन में और त्याग दिए प्राण,
शैलराजा घर लिया फिर देवी ने अवतार
सारा नगर झूमा ,लगे जैसे हो त्योंहार ,
शंकर प्रभु संग माँ शैलपुत्री का विवाह रचाया,
भोला संग सोहे गौरी,देख जोड़ी ब्रह्मांड हर्षाया ,
देवी शैलपुत्री बनी अर्धांगिनि प्रभु शिव की
लगे मनमोहक मनमोहक छवि शिवगौरी की ,
महत्व शैलपुत्री शक्ति माँ गौरी का अनन्त
करते झुक झुक वन्दन नर ,देव और संत ,
लेखिका -:सुषमा पारख
सिलचर (असम)