शिलकुड़ी, 27 जुलाई: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घर न मिलने को लेकर असम के कछार ज़िले के तापांग ब्लॉक के 104 नंबर चातला दुर्गाकोना ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 4 के सैकड़ों गरीब नागरिकों में भारी आक्रोश व्याप्त है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से वे मिट्टी और बाँस की झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं, जिनकी छतें बरसात में टपकती हैं और घर के अंदर पानी भर जाता है।
स्थानीय निवासियों ने आरोप लगाया कि कई लोगों के मकान का जियो-टैग (Geo-Tagging) हो जाने के बावजूद उन्हें लाभार्थी सूची में शामिल नहीं किया गया है, वहीं कुछ अति जर्जर मकानों का तो अभी तक जियो-टैग भी नहीं किया गया है। इससे क्षेत्र के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों में असंतोष और चिंता लगातार बढ़ रही है।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि हर चुनाव में उन्हें आश्वासन देकर वोट तो ले लिया जाता है, लेकिन बाद में सरकार उनकी कोई सुध नहीं लेती। लोगों का कहना है कि “जीविका सखी” के माध्यम से सही ढंग से जियो-टैगिंग नहीं की गई, जिससे असली जरूरतमंद वंचित रह गए।
उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द निष्पक्ष सर्वे कर जियो-टैगिंग की प्रक्रिया पूरी की जाए और पात्र गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्का मकान उपलब्ध कराया जाए।





















