सोनाई, 12 जून:
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के अंतर्गत मिलने वाली दूसरी किस्त की राशि न मिलने और रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप सामने आया है। यह मामला असम के कछार जिले के सोनाई समष्टि अंतर्गत काजीडहर ग्राम पंचायत के वार्ड नंबर 10 से जुड़ा है। तीन लाभार्थियों ने आरोप लगाया है कि वार्ड सदस्य सु्फिया बेगम मजूमदार और उनके पति, पेशे से शिक्षक एनामुद्दीन मजूमदार, उनसे रिश्वत की मांग कर रहे हैं।
इस संबंध में मंगलवार शाम सोनाई थाने में तीन अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गईं। लाभार्थी — मइनुल हक लश्कर, जनाब उद्दीन लश्कर और सुरमा बेगम लश्कर — ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान आवंटन करवाने के नाम पर उनसे पहले किस्त के पहले पैसे वसूले गए थे।
वसूली गई रकम का ब्यौरा:
- मइनुल हक लश्कर से ₹8,000
- जनाब उद्दीन लश्कर से ₹5,000
- सुरमा बेगम लश्कर से ₹7,000
शिकायतकर्ताओं का कहना है कि उक्त रकम चुकाने के बाद उन्हें योजना की पहली किस्त ₹32,500 की प्राप्त हुई थी। लेकिन जब निर्माण का कार्य पूरा कर वे दूसरी किस्त के लिए पात्र हुए, तो कथित रूप से शिक्षक एनामुद्दीन मजूमदार ने फिर से ₹10,000 की मांग की। जब लाभार्थियों ने यह कहते हुए पैसे देने से इनकार कर दिया कि “भाजपा सरकार यह योजना मुफ्त में लागू कर रही है और किसी प्रकार की रिश्वत देने की आवश्यकता नहीं है,” तो उन्हें अब तक दूसरी किस्त नहीं दी गई।
बेरंग पड़ी दूसरी किस्त की राशि को लेकर अब तीनों पीड़ितों ने थाने में शिकायत दर्ज कर न्याय की मांग की है। साथ ही उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्वा सरमा से अपील की है कि इस भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और दोषियों को तत्काल सजा मिले।
इस प्रकरण ने ग्राम पंचायत स्तर पर व्याप्त भ्रष्टाचार को उजागर कर दिया है, जिससे क्षेत्र में भारी जनाक्रोश व्याप्त है। स्थानीय लोगों ने भी इस मामले की निष्पक्ष जांच और पीड़ितों को न्याय दिलाने की मांग की है।




















