नई दिल्ली, 17 अप्रैल . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को भगवान श्रीराम के उनके भव्य मंदिर में हुए सूर्य तिलक का प्रसारण अपने टैब पर देखा। उन्होंने इसे बेहद ही भावुक क्षण बताया। यह दृश्य देखने से पूर्व ही उन्होंने विमान में भी अपनी चप्पलें उतारी हुई थी।
प्रधानमंत्री ने असम के नलबाड़ी में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद अयोध्या में हुए सूर्य तिलक का प्रसारण देखा। इस संबंध में उन्होंने फोटो साझा करते हुए एक्स पर कहा, “नलबाड़ी की सभा के बाद मुझे अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के अद्भुत और अप्रतिम क्षण को देखने का सौभाग्य मिला। श्रीराम जन्मभूमि का ये बहुप्रतीक्षित क्षण हर किसी के लिए परमानंद का क्षण है। ये सूर्य तिलक, विकसित भारत के हर संकल्प को अपनी दिव्य ऊर्जा से इसी तरह प्रकाशित करेगा।”
उल्लेखनीय है कि देशभर में चैत्र रामनवमी का पर्व बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। इस अवसर पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विराजे रामलला का सूर्य की किरणों से सूर्य तिलक किया गया। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में विगत 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद रामलला का यह पहला सूर्य तिलक है। श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे भव्य मंदिर में आधुनिक और वैज्ञानिक विधि से ऐसी संरचना ही बनाई गई है कि श्रीराम जन्म के समय वहां विराजमान विग्रह के मस्तक पर पर सूर्य की सीधी रोशनी प्रकाशवान हो। श्रीरामनवमी के दिन बुधवार दोपहर 12 बजे अभिजीत मुहूर्त में श्रीरामलला के मस्तक पर सूर्य की सीधी रोशनी प्रकट हुई, इसे ही सूर्य तिलक कहा गया। रामलला विराजमान के मस्तक पर 3 मिनट तक सूर्य की सीधी किरणें प्रकाशित होती रहीं।
प्रधानमंत्री ने बाद में त्रिपुरा में आयोजित एक जनसभा में कहा कि आज रामनवमी का पवित्र पर्व है। 500 वर्षों के लंबे इंतजार के बाद वह रामनवमी आई है, जब भगवान राम अयोध्या में भव्य मंदिर में विराजमान हैं। प्रभु श्रीराम, जो कभी टेंट में रहते थे। ज भव्य मंदिर में सूर्य किरणों ने उनके मस्तक का अभिषेक किया है।
सूर्य तिलक को पूर्वोत्तर से जोड़ते हुए प्रधानमंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा कि पूर्वोत्तर में रहना हमारा सौभाग्य है। सूर्य की किरणें सबसे पहले यहां धरती को छूती हैं। सूर्य की किरणें भारत के उज्ज्वल भविष्य का प्रतीक हैं। विकसित त्रिपुरा, विकसित भारत की प्रतिबद्धता के साथ आगे बढ़ रहा है।
वहीं भाजपा नेता ने इससे पहले नलबड़ी में सूर्य तिलक के अनुरूप सभा के दौरान लोगों से उनके मोबाइल निकालने और प्रकाश करने को कहा। उन्होंने इसके बाद लोगों से नारे लगवाए “राम लक्ष्मण जानकी, जय बोलो हनुमान की।”