नई दिल्ली. महाकुंभ 2025 के दौरान रेलवे स्टेशन पर टिकट चेक करने वाले टीटी अब जरूरत पड़ने पर यात्रियों को प्राथमिक उपचार भी प्रदान करेंगे। भारतीय रेलवे ने प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान यात्रियों की सुविधा और आपातकालीन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए यह अनूठा कदम उठाया है। इस पहल के तहत टीटी और अन्य रेलवे कर्मियों को आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
अगले महीने प्रयागराज में महाकुंभ शुरू होने वाला है, जिसमें करीब 50 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। बड़ी संख्या में यात्री ट्रेनों के जरिए महाकुंभ में शामिल होंगे, जिससे प्रयागराज और आसपास के रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ जुटने की उम्मीद है। इस भीड़भाड़ के दौरान यात्रियों की तबीयत बिगड़ने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने प्राथमिक चिकित्सा सेवाएं सुनिश्चित करने का फैसला लिया है।
महाकुंभ की तैयारियों के तहत, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने रेलवे कर्मियों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने और प्राथमिक चिकित्सा प्रदान करने का प्रशिक्षण दिया है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम बुनियादी चिकित्सा तकनीकों, जैसे कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर), भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में आपातकालीन निकासी, और हताहतों की देखभाल पर केंद्रित है।
स्टेशनों और प्लेटफॉर्म पर प्राथमिक उपचार के लिए विशेष बेड लगाए गए हैं, ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान की जा सके। इसके अलावा, रेलवे कर्मचारी हृदयाघात जैसे मामलों में तत्काल सीपीआर देने के लिए प्रशिक्षित किए गए हैं।
इस पहल का उद्देश्य महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को अधिकतम सुविधा और सुरक्षा प्रदान करना है। रेलवे की यह व्यवस्था न केवल आपात स्थितियों में त्वरित सहायता सुनिश्चित करेगी, बल्कि भीड़भाड़ के कारण होने वाली समस्याओं को भी कम करेगी। रेलवे की यह पहल महाकुंभ जैसे बड़े आयोजन के दौरान यात्रियों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। इससे यात्रियों का सफर न केवल सुरक्षित बल्कि अधिक सुविधाजनक भी बनेगा।