फॉलो करें

प्री वैडिंग शुटिंग को सामाजिक रूप से फिल्माया जाने से लोगों का भ्रम खत्म होगा

319 Views

मैंने दो तीन साल से काफी अनापशनाप पोस्ट पढ़े कि आजकल शादी से पूर्व प्रीवैडिंग शुटिंग के नाम से घर वाले कंवारे जोङों को घुमने हिल स्टेशन पर भेज देते हैं वहां वो लोग शादी से पुर्व शारीरिक संबंध स्थापित कर लेते हैं जो आज की सभ्यता में असंभव भी नहीं है.ऐसा दशकों से हो रहा है.यदि ऐसा हुआ तथा कोई अनचाही घटना हो गई तो दोनों परिवारों तथा दोनों शहरों के लिए बदनामी की बात हो सकती है क्योंकि ऐन वक्त पर किसी कारण से शादी टल सकती है तथा कैंसिल भी हो सकती है.इसलिए शादी पुर्व मिलन भारतीय समाज में अनैतिक ही माना जाता है.

लेकिन आजकल मध्यम वर्ग में भी इसका प्रचलन बढ रहा है जिसे तिलक रश्म, संगीत संध्या, रिंग सैयरमनी सब कार्यक्रम में लङका लङकी शामिल होते हैं जबकि शादी से पहले लङकी ससुराल में प्रवेश नहीं करती थी लेकिन सगाई करने के बाद कोई अन्य मांगलिक कार्यक्रम में बुलाने लगे हैं इसलिए आजकल शादी के दो तीन दिनों में फिल्मों की तर्ज़ पर सारे कार्यक्रम हो रहें हैं उसमें दोनों पक्षों की रजामंदी से घंटे दो घंटे की ऐसी शुटिंग सभी सुविधा वाले स्टुडियो में की जाती है जिसमें कम से कम एक दर्जन लोग शामिल होते हैं.
इस कार्यक्रम को दो कंवारे बच्चों के साथ उनके परिवार के लोग भी शामिल होकर साथ में खाना खाते, गप्पे हांकते, मनोरंजन करते दिखाने से समाज में फैलता भ्रम टूट सकता है तथा इस तथाकथित अनैतिक कार्यक्रम को नैतिक एवं सामाजिक बनाया जा सकता है ्.
राजस्थान हरियाणा क्षेत्र में शादी के सेहरों का गायन होता था उसमें कोई विशेष लेखक कवि एवं स्वयं गायक दोनों परिवारों का गुणगान करते थे.मैं भी सुनने जाता था.
जब मुझे शादी का सेहरा लिखने का अवसर मिला तो मैंने अनावश्यक प्रशंसा तथा झूठी उपाधियों को हटाकर शादी के सेहरे को वर वधू के पारावारिक सामाजिक दायित्वों से जोड़ दिया तथा दिवंगत माता पिता दादा दादी की मार्मिक यादों को ऐसा समाहित किया कि मेरे शहरे की कापी करके लोग पैसे कमाने तथा छापने लगे.मुझे कोई दुख नही हुआ क्योंकि मैं तो 45 सालों से बाहर ही रह रहा हूँ.
बचपन का सपना पचपन के बाद साकार हुआ मुझे दो लघु फिल्म बनाने का भी शौभाग्य मिला. मेरी लिखी पुस्तकों को मै छपवाया नहीं सब पांडूलिपि पङी है इसलिए छोटी छोटी फिल्म बनाने के लिए सोच रहे हैं.
जो प्रथा समाज में लोकप्रिय हो रही है उसे बंद करवाना कठिन है इसलिए उसे सामाजिक रूप से बदलने से लोगों की भ्रांतियां कम होगी तथा अच्छा संदेश जायेगा.
   मदन सिंघल पत्रकार एवं साहित्यकार,     शिलचर असम मो 9435073653

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल