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दोषियों के कड़े दंड की मांग, थाने में ज्ञापन सौंपा
हीरक बनिक, रामकृष्णनगर, 22 नवंबर:
अचानक फैले फर्जी माफीनामा पत्रों के विवाद से पूरा रामकृष्णनगर शिक्षाजगत में हड़कंप मच गया है। सरकारी प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक प्रोसेनजीत दास के नाम पर सुनियोजित तरीके से फैलाए गए कई नकली माफीनामा पत्रों को लेकर व्यापक नाराज़गी और कड़ी प्रतिक्रिया দেখা দিয়েছে। शिक्षक समुदाय का आरोप है कि यह एक ज़िम्मेदार शिक्षक को बदनाम करने और उसके पेशागत सम्मान को ठेस পৌঁছाने की घृणित साज़िश है। शनिवार को यह विवाद तब और गरमाता है जब कई शिक्षक-शिक्षिकाएं विरोध प्रदर्शन करते हुए रामकृष्णनगर थाना परिसर में एकत्रित होते हैं। आरोप है कि रामकृष्णनगर के कई प्राथमिक स्कूलों और व्यक्तियों के पते पर डाक के माध्यम से इस फर्जी माफीनामा पत्र की प्रतियां भेजी गईं। इन नकली पत्रों में प्रोसेनजीत दास का नाम और बयान का दुरुपयोग किया गया। स्वयं शिक्षक प्रोसेनजीत दास ने शिक्षकों के सामने स्पष्ट कहा कि इन पत्रों से उनका कोई संबंध नहीं है। उनके साथ मौजूद शिक्षक-शिक्षिकाओं का आरोप है कि यह एक योजनाबद्ध दुष्प्रচার है, जो शिक्षण वातावरण को दूषित कर रहा है। इस अपमानजनक और निंदनीय घटना के विरोध में रामकृष्णनगर प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन, एलपी, एमई और एमबी शिक्षक संगठन सहित रामकृष्णपुर शिक्षा खंड के अनेक शिक्षक-शिक्षिकाएं एकजुट होकर थाने के सामने विरोध जताते हैं। बाद में शिक्षकों ने रामकृष्णनगर थाना प्रभारी के माध्यम से सीडीएस सीडी अंसुल शर्मा के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में स्पष्ट मांग की गई—“इस घटना के पीछे जो भी लोग शामिल हैं, उन्हें तुरंत पहचान कर उन पर कठोर प्रशासनिक कार्रवाई की जाए।” इस अवसर पर उपस्थित थे—रामकृष्णनगर ब्लॉक प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन के सचिव सत्यजीत विश्वास, 469 नंबर विवेकानंद एलपी स्कूल के शिक्षक प्रोसेनजीत दास, नमिता आमसे, राजदीप तालुकदार, समरजीत विश्वास, अपूर्व पाल, पिक्लू दास, विकास कालोवार, सुदीप घोष, मुनज़ाकिर हुसैन, राहुल विश्वास, अनुज राय, दीपक देवनाथ, सुजीत घोष, धनंजय नाथ, अब्दुल जब्बार सहित कई शिक्षक-शिक्षिकाएं। शिक्षकों का आरोप है कि यह फर्जी पत्र सिर्फ एक शिक्षक की प्रतिष्ठा नहीं बिगाड़ रहा, बल्कि पूरे शिक्षाव्यवस्था की छवि को धूमिल कर रहा है। उनका कहना है कि यदि ऐसी घटनाओं पर प्रशासन ने तुरंत और कठोर कार्रवाई नहीं की, तो भविष्य में और भी कई शिक्षक उत्पीड़न का शिकार हो सकते हैं। फिलहाल रामकृष्णनगर में इस फर्जी पत्र विवाद को लेकर भारी सनसनी फैल गई है।सभी महलों में यह सवाल उठ रहा है—“अगर शिक्षा क्षेत्र में इस तरह के दुष्प्रचार को नहीं रोका गया, तो शिक्षक समाज कितना सुरक्षित?” इसके अलावा, इन पत्रों में कुछ अन्य लोगों के नाम भी निंदनीय रूप में शामिल किए गए हैं। शिक्षकों का कहना है कि यह एक सुविचारित षड्यंत्र है और केवल शिक्षक ही नहीं, बल्कि इसमें राताबाड़ी के विधायक विजय मलाकार का नाम भी घसीटा गया है। उनका आरोप है कि किसी विशेष गुट ने शिक्षकों के साथ राजनीति को मिलाकर यह साज़िश रची है। शिक्षक समुदाय की आशा है कि प्रशासन इस घृणित षड्यंत्र के मास्टरमाइंड्स को जल्द पहचान कर उनके खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करेगा।





















