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फिल्मी सितारों ने किया सीमा कपूर की आत्मकथा को लॉन्च

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मुंबई. ओमपुरी की पूर्व पत्नी और अन्नू कपूर की बहन, बॉलीवुड की प्रसिद्ध लेखिका निर्देशक सीमा कपूर की आत्मकथा “यूँ गुज़री है अब तलक” का मुम्बई में विमोचन समारोह फिल्मी सितारों से सजी एक खूबसूरत और यादगार शाम बन गई. उनकी किताब के लॉन्च पर अनुपम खेर, परेश रावल, निर्माता बोनी कपूर, डॉ. अन्नू कपूर, दिव्या दत्ता, रघुवीर यादव, गायिका डॉ. जसपिंदर नरूला, लेखक निर्देशक रूमी जाफ़री,रोनू मजूमदार ,प्रतिमा कानन , सहित कई हस्तियां शामिल हुईं. स्टूडियो रिफ्यूल के कुमार कार्यक्रम के कोऑर्डिनेटर थे. राजकमल प्रकाशन ने क़िताब रिलीज़ की है.

उज्जैन से उपस्थित डॉ खुशब पांचाल ने श्लोक पढ़कर कार्यक्रम की शुरुआत की. मशहूर निर्माता निर्देशक विधु विनोद चोपड़ा का एक वीडियो दिखाया गया जिसमें उन्होंने सीमा कपूर की किताब के कुछ अंश पढ़े. अनुपम खेर ने कहा कि सीमा कपूर को वह बहुत अच्छी तरह जानते हैं. वर्षो से उनकी खूबसूरती आज भी बरकरार है. यह कपूर परिवार ही कमाल का है. सब इंटेलिजेंट हैं, ज्ञान का भंडार रखते हैं. सीमा कपूर ने एक फ़िल्म की पटकथा की तरह यह पुस्तक लिखी है. पाठक किताब पढ़ेगा मगर उसे फ़िल्म चलती हुई नज़र आएगी. बहुत कम लोगों में यह खूबी होती है कि आप जो महसूस करते हैं उसे पन्नो पे उसी सच्चाई से पेश कर दें. मैं बहुत खुश हूं और खुशकिस्मत मानता हूं कि उनकी किताब के अनावरण के मौके पर मैं हाज़िर हूँ. जिस तरह सीमा कपूर ज़िन्दगी जीती हैं मैं उससे प्रेरणा लेता हूँ. मैं यही कहना चाहता हूं कि यूँ गुज़री है अब तलक..और आगे भी बहुत अच्छी गुज़रेगी.”

सीमा कपूर ने कहा कि मैं सभी उपस्थित मेहमानों का बहुत शुक्रिया अदा करती हूं जो अपना कीमती समय निकालकर यहां आए. अनुपम खेर, परेश रावल, बोनी कपूर, रघुवीर यादव, दिव्या दत्ता, रूमी जाफरी सहित सभी अतिथियों ने बहुत बड़ी बातें मेरे बारे में बोल दीं, सबका शुक्रिया. मुझे जो कुछ ज़िंदगी मे नहीं मिला, उसे भूल गई. मेरे नाना क्रांतिकारी थे, मेरा ननिहाल बंगाली कलाकारों से भरा था. मेरे दादाजी आर्मी में कर्नल थे. लेकिन पिताजी ने दिल्ली आकर 2 ढाई सौ कलाकारों के साथ नाटक कंपनी खोल ली. फिर सिनेमा ने हमारे मुंह से रोटी छीन ली. फ़िल्म ने थिएटर को बहुत पीछे कर दिया. धीरे धीरे नाटक कम्पनियां बंद होने लगीं, मगर पिता जी कर्ज लेकर भी सैकड़ों कलाकारों की जरूरतें पूरी करते रहे. मां के गहने, साड़ियां बिक गई. उस ज़माने में नाटक या नौटंकी को बहुत खराब नजर से देखा जाता था. जब मैं स्कूल जाती थी तो काफी संघर्ष करना पड़ा. आधी रोटी अचार टिफिन में ले जाती थी. परिवार का नाटक में काम करने की वजह से मुझे सामाजिक उपेक्षा का सामना भी करना पड़ा.”

अन्नू कपूर ने कहा कि बहन सीमा कपूर की आत्मकथा के विमोचन पर आए सभी मेहमानों का आभार. सीमा बहुत सारी वेदनाओं, यातनाओं, त्रासदियों से गुजरी है, वह किसी वीरांगना से कम नहीं है. हमारी एक ही बहन है, खूब हंसती है, खिलखिलाती है. वह सबकी सहायता करने को चिंतित रहती है. यह जीवन संघर्ष है, सबको अपनी लड़ाई लड़नी होती है. इस जंग को सभी को लड़ना है. दुखों की कहानी है यह आत्मकथा. मेरी बहन ने मातापिता को काफी इज़्ज़त दी है, उनका सम्मान किया है, आदर किया है, किताब सभी के लिए प्रेरणादायक है.”

बोनी कपूर सीमा कपूर के बारे में बोलते हुए काफी इमोशनल हो गए. उन्होंने कहा कि सीमा कपूर ने जाह्नवी कपूर और खुशी कपूर को हिंदी उर्दू का सही उच्चारण सिखाया है. उनकी आत्मकथा के लॉन्च पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं.

गायिका जसपिंदर नरूला ने कहा कि सीमा कपूर का किताब लिखने का सपना पूरा हुआ, उन्हें हार्दिक बधाई.

रघुवीर यादव अपनी बहन सीमा कपूर के साथ गुजारे लम्हों को याद करते हुए काफी इमोशनल हो गए. वह सीमा कपूर को गुड्डो कहते थे. उन्होंने कई रोचक बातें बताकर सबको खूब हंसाया भी.

परेश रावल ने कहा कि सीमा कपूर की आत्मकथा मैं जरूर पढूंगा. जीवनी लिखना आसान काम नहीं होता बहुत चुनौती भरा होता है. उनके कलम में कमाल है और मेरी ख्वाहिश है कि सीमा कपूर द्वारा लिखित किसी कृति का मैं हिस्सा रहूं.”

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