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शिलचर 26 जून: बंगाली नवनिर्माण सेना ने मुख्यमंत्री से शिलचर-बराक को छोड़ कर केंद्र को सौंपने की पुरजोर मांग की.
रविवार को शिलचर के एक संभ्रांत होटल में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में बंगाली नवनिर्माण सेना के पदाधिकारियों ने जनगणना वर्ष 2001 के लिए असम में परिसीमन की मसौदा सूची के प्रकाशन पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि 2011 की तमाम जानकारी के बावजूद परिसीमन के मसौदे में 2011 को क्यों नहीं माना गया?
बराक में कुल मतदाताओं की संख्या 42 से 44 लाख. लेकिन इसके बावजूद विधानसभा सीट 15 से घटकर 13 हो गयी है. वहीं बारोलैंड में 14 लाख मतदाताओं की तुलना में सीटों की संख्या 13 से बढ़ाकर 16 कर दी गई है. संगठन का सवाल है कि ऐसा भेदभाव क्यों? आज बराक को बीजेपी के सबका साथ, सबका विकास नारे से वंचित क्यों कर दिया गया है? आजादी के बाद से ही बराक घाटी विभिन्न अभावों से जूझ रही है। आंदोलन के जरिए ही बराक के लोगों ने अपने विभिन्न अधिकार हासिल किए हैं। बंगाली नवनिर्माण सेना के पदाधिकारियों ने एनआरसी की समस्या का समाधान किए बिना खिलंजिया के हितों की रक्षा करने के मुख्यमंत्री के बयान पर स्पष्टीकरण मांगा है। इस दिन उन्होंने इस बात को लेकर तरह-तरह के सवाल उठाए कि असम के मुख्यमंत्री बीजेपी या असुर की विचारधारा पर काम कर रहे हैं. उन्होंने बराक की मौजूदा स्थिति को राजनीतिक परिप्रेक्ष्य में देखते हुए मुख्यमंत्री से बराक संगठन को त्याग कर केंद्र को सौंपने की पुरजोर मांग की. इस दिन बंगाली नवनिर्माण सेना के पदाधिकारियों ने सरकार को कड़ी चेतावनी दी. परिसीमन के खिलाफ एक आंदोलन खड़ा करेंगे।