बराक उपत्यका बंग साहित्य व संस्कृति सम्मेलन के कछाड़ जिला समिति एवं शिलचर आंचलिक समिति द्वारा कछाड़ जिलाधिकारी के माध्यम से असम के मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन भेजा गया।जिसमें कहा गया कि बराक घाटी के आफिसिएल लैंगुएज बंगला होने के बावजूद सरकारी विभागों द्वारा हर काम में असमीया का प्रयोग हो रहा है,जो कि दुखद है। बराक घाटी के सरकारी आफिस में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के नौकरियों में बराक के अभ्यर्थियों को नौकरी नहीं मिल रहा है जबकि बराक में योग्य प्रार्थी है फिर भी बाहर के उम्मीदवार को सुविधा मिल रहा है।
हालमें असमीया जन के संज्ञा में भी संतोषजनक रवैया देखने को नहीं मिला, असम में बहुभाषी बहुजाति के लोग हैं, इसमें विभिन्न भाषाभाषी लोगों का मतामत लेना जरूरी है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा बांग्ला भाषी लोगों के प्रति सोतेला रवैया देखने को मिलता है। राज्य सरकार द्वारा दिया गया आर्थिक सहायता में भी एक भी बंगाली संगठन को सहायता दिया नहीं गया।हालही में बोड़ो भाषा को राज्य का एसोसिएट भाषा का मर्यादा मिलने पर हम खुश हैं पर हमें लगता है यह मर्यादा बंगला को भी मिलना चाहिए था। हमें आशा है आपके सफल नेतृत्व में राज्य के सभी भाषाभाषी लोगों को न्याय मिलेगा।