बिजयपुर (बड़खोला), 11 जून: बिजयपुर के जगन्नाथ मंदिर के पास मंगलवार को एक शावक के मिलने की खबर से पूरे इलाके में बाघ की आशंका को लेकर सनसनी फैल गई। स्थानीय निवासी ने शावक को देखकर डर के मारे बाघ का बच्चा समझा और तुरंत चाय बागान के प्रबंधक को सूचित किया। देखते ही देखते यह खबर पूरे इलाके में आग की तरह फैल गई और लोगों में भारी दहशत का माहौल बन गया।
मौके की गंभीरता को देखते हुए बागान प्रबंधक दिनेश सिंह अपने सहयोगी अनिल गिरि व अन्य कर्मचारियों के साथ तुरंत घटनास्थल पर पहुंचे और शावक को सुरक्षित पकड़कर बागान के कार्यालय में ले आए।
शाम को वन विभाग की टीम — जिसमें बराक वैली वाइल्ड लाइफ के अधिकारी ऐकैल चक्रवर्ती, साबिर अहमद और सुभाष राय शामिल थे — मौके पर पहुंची और शावक की जांच के बाद स्पष्ट किया कि वह बाघ का बच्चा नहीं बल्कि एक वनबिल्ली (जंगली बिल्ली) है। इसके बाद शावक को वन विभाग की निगरानी में गहन जंगल में छोड़ दिया गया।
हालांकि स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों में इलाके से कई गाय और बकरियों के क्षत-विक्षत शव मिले थे, जिससे लोगों में पहले से ही बाघ की मौजूदगी को लेकर आशंका थी। ग्रामीणों ने इस बारे में पहले भी वन विभाग को सूचित किया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इस घटना को लोग उसी संदर्भ में देख रहे हैं और इसे बाघ की सक्रियता का संकेत मान रहे हैं।
वहीं, वन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और अफवाहों से दूर रहें। विभाग की ओर से क्षेत्र में निगरानी बढ़ाने और जरूरत पड़ने पर त्वरित कार्रवाई का आश्वासन भी दिया गया है।
– संवाददाता, प्रेरणा भारती दैनिक




















