हिबजुर रहमान बरभूइयां की रिपोर्ट |
बड़खोला, 4 जुलाई:
हारांग नदी के कटाव से त्रस्त बड़खोला की जनता का गुस्सा इस बार स्थानीय विधायक मिस्बाहुल इस्लाम लश्कर पर फूट पड़ा। इलाके के भांगरपार ग्राम पंचायत अंतर्गत भुऊआरपार गांव के सैकड़ों लोगों ने विधायक के खिलाफ ‘मुर्दाबाद’ के नारे लगाए और उन्हें एक “निष्क्रिय और असंवेदनशील” जनप्रतिनिधि करार दिया।
नदी ने छीना घर-खेत, अब रास्ता भी नहीं बचा
स्थानीय लोगों का कहना है कि हारांग नदी के आक्रामक कटाव ने उनके घर, खेत, पेड़-पौधे और फसलें निगल ली हैं। अब हालात यह हो चुके हैं कि आवागमन के लिए जो रास्ते थे, वे भी नदी में समा चुके हैं। सैकड़ों परिवार बेघर होने की कगार पर हैं और भय के माहौल में जीवन यापन कर रहे हैं। यहां तक कि एक स्कूल भी कटाव की चपेट में आ गया है, जिससे छात्रों और शिक्षकों में दहशत व्याप्त है।
“हमने गलती की, जो ऐसे विधायक को चुना”: लोगों की पीड़ा
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि विधायक मिस्बाहुल इस्लाम को उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय से होने के कारण समर्थन दिया, लेकिन आज वे खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। एक बुजुर्ग ने नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए कहा, “हमने उन्हें चुना, लेकिन अब लग रहा है जैसे हमने अंधे धृतराष्ट्र को अपना प्रतिनिधि बना दिया। वे हमारी समस्याओं की ओर आंख तक नहीं उठाते।”
जनता बेहाल, लेकिन विधायक ग़ायब
क्षेत्रवासियों के अनुसार, पिछले कई वर्षों से हरांग नदी का कटाव लगातार जारी है, लेकिन इसका कोई स्थायी समाधान नहीं निकाला गया। न बाढ़ नियंत्रण की व्यवस्था हुई और न ही किसी ने मौके पर जाकर हालात का जायजा लिया। लोग अब इस स्थिति को लेकर पूरी तरह निराश और आक्रोशित हैं।
बड़खोला की जनता की यह नाराज़गी एक चेतावनी है— अगर जनप्रतिनिधि जनता की समस्याओं के समाधान में विफल रहते हैं, तो लोकतंत्र में उन्हें जवाब देना ही पड़ेगा।





















