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बढ़ते हुए प्रदुषण को लेकर झारखंड में आतिशबाजी का समय सीमा निर्धारित किया गया

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अनिल/रांची 

देश की राजधानी दिल्ली और आर्थिक राजधानी मुंबई से लेकर लगभग पूरे देश में दूर्गा पूजा के बाद से वायु प्रदुषण और ध्वनि प्रदुषण का बोलबाला रहता है.जिसके कारण लोगों में सांस लेने के साथ -साथ कई बिमारियों का सामना करना पड़ता है. जहां अब धान की फसल और गेहूं की फसल काटने के बाद खेतों के साफ करने के लिए पराली जलाने का प्रचलन समूचे देश में फैल गया. वहीं इसके कारण उन क्षेत्रों को छोड़कर पड़ोसी जिलों के साथ- साथ उससे सटे हुए राज्यों पर भी घुंए दम घोंटु बना डालते हैं.इसके साथ ही त्योहारी सीजन शुरू होते ही कान फोड़ु पटाखे की आवाज और उससे निकलने वाली घुंए के कारण जहां वातावरण में प्रदुषण का बोलबाला बढ़ जाता है. वहीं इससे होने वाले बिमारियों से लोग त्रस्त हो जाते हैं.इसी को ध्यान में रखते हुए झारखंड राज्य प्रदुषण नियंत्रण बोर्ड ने साल भर में होने वाले सभी पर्व एवं त्यौहारों पर आम लोगों के लिए आतिशबाजी का समय सीमा निर्धारित कर दिया है.

झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली, छठ और गुरु पर्व पर आतिशबाजी के लिए समय निर्धारित कर दी है. इन तीनों पर्व पर दो घंटे तक आतिशबाजी की जा सकेगी. जबकि क्रिसमस और न्यू ईयर पर मात्र 35 मिनट तक आतिशबाजी करने का समय तय किया गया है. बोर्ड द्वारा तैयार दिशा-निर्देश के अनुसार दीपावली की रात को आठ बजे से दस बजे तक ही पटाखे चलाने की इजाजत होगी.छठ के दिन सुबह छह बजे से आठ बजे तक.गुरु पर्व पर रात आठ से दस बजे तक एवं क्रिसमस व नये साल पर 31 दिसंबर की रात 11 बजकर 55 मिनट से 12:30 बजे तक आतिशबाजी की अनुमति होगी. इस तरह के समय सीमा निर्धारित होने से राज्य में प्रदुषण नियंत्रण में सकारात्मक परिवर्तन आने की संभावना बढ़ गई है.

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