155 Views
प्रे.स. शिलचर, 24 मई: शुक्रवार को यह दुखद समाचार प्रेरणा भारती कार्यालय को प्राप्त हुआ कि बराकघाटी के प्रतिष्ठित टी प्लांटर 67 वर्षीय आलोक महावीर का कोलकाता में स्वर्गवास हो गया। आएनाखाल चाय बागान में बहुत दिनों तक महाप्रबंधक रहे महावीर जी बहुत ही मिलनसार और सहयोगी स्वभाव के सामाजिक व्यक्ति थे। मूल रूप से लखनऊ के निवासी महावीर जी क्यूट शिक्षा पंतनगर विश्वविद्यालय से हुई थी। उच्च शिक्षा प्राप्त करके उन्होंने चाय बागान का रूप किया और 1980 से 2025 तक मृत्यु पर्यंत चाय उद्योग से जुड़े रहे। इंडियन टी एसोसिएशन सुरमावैली के दो बार अध्यक्ष रहे। स्पोर्ट्स एसोसिएशन के भी अध्यक्ष थे। अनेकों सामाजिक संगठनों से जुड़े हुए थे। जहां भी रहते थे सामाजिक कार्यों में सक्रिय रूप से सहयोग करते थे। आएनाखाल चाय बागान से अवकाश प्राप्त करने के पश्चात वह कोइया चाय बागान और उसके सहयोगी बागानों के कंसल्टेंट के रूप में काम कर रहे थे। पिछले दिनों कोईया विजीट के दौरान उनका स्वास्थ्य बिगड़ा, उन्हें शिलचर एक निजी अस्पताल में भर्ती किया गया। स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उन्हें कोलकाता ले जाया गया लेकिन धीरे-धीरे उनका स्वास्थ्य गिरता रहा। चिकित्सकों ने बताया उनकी दोनों किडनी फेल हो चुकी है, उन्हें डायलिसिस पर रखा जा रहा था। 23 मई को सुबह लगभग 10:30 बजे चिकित्सकों के सभी प्रयासों को व्यर्थ करते हुए उनकी आत्मा परमात्मा में विलीन हो गई। वे अपने पीछे धर्मपत्नी वंदना और एकमात्र कन्या संतान अंकिता को छोड़ गए हैं। अंकित विवाहित है और अपने पति के साथ इंडोनेशिया में रहती है।
प्रेरणा भारती के नियमित पाठक आलोक महावीर जी के स्वर्गवास पर प्रेरणा भारती परिवार की ओर से गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए दिलीप कुमार ने कहा कि हमने एक सक्रिय सहयोगी और अभिभावक खो दिया। रोसकांदी चाय बागान के महाप्रबंधक ईश्वर भाई उवाडिया ने कहा कि यह चाय उद्योग की अपूरणीय क्षति है। टी एसोसिएशन ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष सुशील सिंह ने मृत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से कामना की। आएनाखाल चाय बागान के महाप्रबंधक विजेंद्र सिंह राठौड़, उनके सहयोगी रहे प्रदीप घोष आदि ने ईश्वर से उनकी आत्मा की शांति और मुक्ति के लिए प्रार्थना की। अगले 31 मई को कोलकाता में उनकी स्मृति में परिवार वालों ने एक कार्यक्रम का आयोजन किया है।





















