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प्रे.स. शिलचर, 21 दिसंबर: बराक घाटी के विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए असम सरकार ने इस क्षेत्र के लिए एक अलग विभाग का गठन किया है। राज्य के मुख्यमंत्री के इस निर्णय का बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट (बीडीएफ) ने स्वागत किया है। इस विभाग के संचालन के लिए बराक के ही एक विधायक को मंत्री नियुक्त किया गया है।
बीडीएफ की सकारात्मक प्रतिक्रिया:
बीडीएफ के मुख्य संयोजक प्रदीप दत्त राय ने संवाददाता सम्मेलन में इस कदम को महत्वपूर्ण करार दिया, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि केवल विभाग का गठन पर्याप्त नहीं है। उन्होंने कहा, “अगर यह विभाग बराक की समस्याओं का ठोस समाधान करता है और क्षेत्र के कल्याण में योगदान देता है, तो यह एक सराहनीय पहल होगी।”
उन्होंने बेरोजगारी, उद्योगों के बंद होने, और अधूरी परियोजनाओं जैसी समस्याओं का जिक्र करते हुए सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की। पंचग्राम पेपर मिल के पुनरुद्धार, औद्योगिक संभावनाओं के विकास, और युवाओं के लिए रोजगार सृजन पर तत्काल ध्यान देने की मांग की गई।
अधूरी परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित:
जयदीप भट्टाचार्य, बीडीएफ मीडिया सेल के संयोजक, ने मुख्यमंत्री का ध्यान बराक घाटी की लंबित परियोजनाओं की ओर आकर्षित किया। उन्होंने चंद्रनाथपुर-लंका वैकल्पिक रेलवे लाइन, मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स पार्क और बराक जलमार्ग के शीघ्र विकास की मांग की।
कृषि और औद्योगिक विकास पर जोर:
बीडीएफ के संयोजक हृषिकेश ने कृषि, चाय उद्योग, और मछली उत्पादन की संभावनाओं को उजागर किया। उन्होंने बराक के तीन जिलों में कृषि कॉलेज खोलने का प्रस्ताव रखा और मंत्री से इस दिशा में तुरंत कदम उठाने की अपील की।
उन्होंने कहा, “बराक घाटी में पहले भी कई वादे किए गए थे, लेकिन वे कागजों तक सीमित रह गए। इस बार, सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि नवगठित विभाग क्षेत्र के विकास के लिए प्रभावी ढंग से काम करे।”
भविष्य की रणनीति:
प्रदीप दत्त राय ने स्पष्ट किया कि बीडीएफ एक साल तक इस विभाग की गतिविधियों पर नजर रखेगा। अगर यह पहल वास्तविक बदलाव लाने में विफल रही, तो बराक को अलग राज्य बनाने की मांग और तेज होगी।
उपसंहार:
बराक घाटी के विकास के लिए सरकार का यह कदम क्षेत्र के लोगों के लिए उम्मीद की एक नई किरण है। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि यह विभाग क्षेत्र की समस्याओं को सुलझाने में कितना सक्षम साबित होता है।