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वाकई इसबार का भाजपा का बजट अजीब सा है। बराकघाटी के साथ अनदेखी की गयी है।
बराक घाटी में चिड़ियाघर? करीमगंज में मेडिकल कॉलेज का उल्लेख नहीं है, सिलचर में 100-बेड वाले कोविद अस्पताल का उल्लेख नहीं है, जिसका वादा मंत्री पीयूष हजारिका ने एक साल पहले ही किया था, सिलचर में हाल ही में प्रचार-प्रसार किए गए फ्लाईओवर का कोई उल्लेख नहीं है, बराक में स्थानीय बेरोजगार युवाओं को ग्रेड 3 और 4 के सरकारी नौकरियों का उल्लेख नही किया गया है जिसे असम के वर्तमान माननीय मुख्यमंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने बराकघाटी में आकर बार-बार कहा था। वहीं, बराक नदी पर 5 आरसीसी पुल बनाने का जो सपना दिखाया गया था इसका कोई उल्लेख नही कर झूठ का प्रमाण दिया गया है।
कोविड के इस कठिन समय के दौरान बराक में मौजूदा अस्पताल के बुनियादी ढांचे के विकास का कोई उल्लेख नहीं है, जिसकी वर्तमान समय में बहुत ही आवश्यकता है। चुनाव के दौरान मुख्यमंत्री डा. हिमंत विश्वशर्मा ने महिलाओ के माईक्रो फाइनेंस का कर्ज माफ करने का जो वादा किया था, बजट में उल्लेख नही है। चुनाव के घोषणापत्र में अरुणोदय प्रकल्प के तहत महिलाओ को 830 रुपये से बढ़ाकर 3000 रुपया देने का वादा किया गया था, यह भी मजाक साबित हुआ क्योंकि 830 रुपये से बढ़ाकर मात्र 1000 रुपया ही किया गया।
तो ऐसे बजट में जहां करीमगंज मेडिकल कॉलेज वंचित है, वही सिलचर का 100 बिस्तरों वाला कोबिद अस्पताल वंचित है, जहां फ्लाईओवर का कोई जिक्र नहीं है, बराक के तीन जिलों में कोई नई पहल नहीं है और स्वास्थ्य और शिक्षा के बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए कोई विचार नहीं किया गया है। 40 लाख बराकवासियों को मात्र एक चिड़ियाखाना देखर
सम्मानित या अपमानित किया गया है, यह एक प्रश्न चिह्न बना हुआ है। तो बराक घाटी फिर से वंचित है। एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से यह समाचार असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव तथा एपीसीसी मीडिया विभाग (बराकघाटी) के क्षेत्रीय समन्वयक संजीव राय ने दिया है।