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हाफलंग रोड पहले ही बंद, काटाखाल के पास सड़क पर पानी
सोनाई रोड में पानी, नेशनल हाईवे प्वाइंट पर पानी
बेतुकांदी बांध से महिषाबिल में बराक नदी का पानी घुसने की खबर से आतंक
प्रे. स. शिलचर, 30 मई: पिछले तीन दिनों से लगातार भारी वर्षा के फल स्वरुप बाद घाटी की सभी नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है। बराक घाटी की प्रमुख बराक नदी, लंगाई, सिंगला, धलेश्वरी सहित सभी छोटी बड़ी नदियां उफान पर है। सभी नदियों का पानी बराक नदी में आकर मिलता है, मौसम विभाग ने अभी भी वर्षा जारी रहने का अनुमान व्यक्त किया है। बराक घाटी, मिजोरम और त्रिपुरा का सड़क और रेल मार्ग से बाकी देश के साथ संपर्क पहले ही कट चुका है। करीमगंज और हाइलाकांदी को शिलचर से जोड़ने वाले रास्ते पर काटाखाल में पानी आ जाने के कारण यह राष्ट्रीय राजमार्ग कभी भी बंद हो सकता है।
किसी प्रकार से बड़ी गाड़ियां पार हो रही हैं लेकिन छोटी गाडियां पार होना मुश्किल है। पानी के तेज बहाव में हाफलंग रोड पहले ही बंद हो चुका है। शिलचर से मिजोरम जाने वाली रोड पर पानी बह रहा है। सोनाबाड़ी घाट के पास स्थिति गंभीर है, यातायात कभी भी बंद हो सकता है। हाइलाकांदी रोड पर माटिजुरी के पास सड़क पर पानी है। सड़क मार्ग से शिलचर का करीमगंज और हाइलाकांदी के साथ संपर्क टूटने की स्थिति में है।
शिलचर शहर की स्थिति विकट है, सोनाई रोड, लिंक रोड, नेशनल हाईवे पॉइंट, बिल पार, अंबिका पट्टी, शिलांग पट्टी, तारापुर, शिवबाड़ी रोड आदि एरिया जलमग्न है। मुख्य मार्ग से भी शहर में यातायात करना मुश्किल हो गया है। इसी में विभिन्न माध्यमों से बेतुकांदी बांध से महिषाबिल में बराक नदी का पानी घुसने की खबर से आतंक फैल गया है।
एहतियातन बाढ़ पीड़ित एरिया के लोग अभी से शरण लेने के लिए सरकारी भवनों में घुसने लगे हैं। शिलचर और बराक घाटी के लिए आने वाले 2 दिन बहुत ही चुनौती पूर्ण है। सरकार और प्रशासन की तमाम तैयारियां रेमल तूफान के प्रभाव को रोकने में नाकाफी सिद्ध हो रहे हैं। विद्युत आपूर्ति की समस्या, जल आपूर्ति की समस्या और फिर धीरे-धीरे राशन और सब्जी आदि का प्रॉब्लम भी विकराल रूप धारण करने वाला है। सरकार और प्रशासन के साथ सभी सामाजिक संगठनों और आम जनता को भी एकजुट होकर इस स्थिति से मुकाबले के लिए मानसिकता बनानी होगी। वरना आने वाली गंभीर परिस्थितियां हमारे लिए खतरा बन सकती है।