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बराक घाटी में शांतिपूर्ण और श्रद्धामय वातावरण में संपन्न हुआ छठ पूजा का संध्या अर्घ्य
रितेश नुनिया, शिलचर, 27 अक्टूबर:
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का संध्या अर्घ्य आज शिलचर के विभिन्न घाटों पर श्रद्धा और भक्ति के माहौल में संपन्न हुआ। सोमवार प्रातःकालीन अर्घ्य के साथ इस चार दिवसीय पर्व का विधिवत समापन होगा।
शिलचर के बरमबाबा घाट, एनआईटी परिसर, घुंघुर, मेहरपुर, जानीगंज, अन्नपूर्णा घाट, ईटखोला घाट और हाइलाकांदी के कोइया सहित दर्जनों स्थानों पर छठव्रतियों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर छठी मैया की पूजा-अर्चना की। सभी घाटों को दीपों और रंग-बिरंगी सजावट से आलोकित किया गया था। वातावरण में छठी मैया के गीतों की गूंज और भक्तिभाव का अद्भुत समन्वय देखने को मिला।
महिलाएं पारंपरिक परिधानों में सुसज्जित होकर अपने परिवारजनों के साथ घाटों तक पहुंचीं। नहाय-खाय और खरना के बाद व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला उपवास रखकर कठोर तप के साथ पूजा-अर्चना की। छठ पर्व में साफ-सफाई, सात्विकता और अनुशासन का विशेष महत्व होता है।
बराक घाटी के तीनों जिलों — काछार, करीमगंज और हाइलाकांडी — में सैकड़ों घाटों पर इस अवसर पर उत्सवमय दृश्य देखने को मिला। प्रशासन की ओर से सुरक्षा, प्रकाश और साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था की गई थी, जिससे पर्व शांति और श्रद्धा के साथ संपन्न हो सका।
> कल प्रातः सूर्य को अर्घ्य अर्पित कर व्रतियों द्वारा छठ महापर्व का समापन किया जाएगा।





















