प्रे.स. लखीपुर, 24 जनवरी: शुक्रवार को बराक घाटी के बारोज़ मेमोरियल क्रिश्चियन अस्पताल, अलीपुर में असम विश्वविद्यालय, सिलचर के सहयोग से “स्ट्रोक रोकथाम और टेली-स्ट्रोक परामर्श केंद्र” का उद्घाटन किया गया। यह केंद्र असम के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा, जो विशेष रूप से चाय जनजातियों और अन्य आदिवासी समुदायों के लिए स्ट्रोक से बचाव और इलाज की सुविधाएं प्रदान करेगा।
इस परियोजना का संचालन आईसीएमआर, नई दिल्ली द्वारा वित्तपोषित एक महत्वाकांक्षी बहु-केन्द्रित योजना के अंतर्गत किया जा रहा है। इसका उद्देश्य दक्षिण, उत्तर और उत्तर-पूर्व भारत के जनजातीय बहुल क्षेत्रों में तीव्र स्ट्रोक थ्रोम्बोलिसिस और रोकथाम में टेली-स्ट्रोक तकनीक को लागू करना है।
उद्घाटन समारोह में प्रमुख अतिथियों में शामिल थे:
- प्रो. (डॉ.) विवेक के. नांबियार, न्यूरोलॉजी के प्रोफेसर और अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, कोच्चि में स्ट्रोक विभाग के प्रमुख।
- डॉ. विवेक वर्मा, सांख्यिकी विभाग, असम विश्वविद्यालय।
बराक घाटी को मिलेगा विशेष लाभ
यह टेली-स्ट्रोक परामर्श केंद्र स्ट्रोक से जुड़े जोखिमों को कम करने और जागरूकता बढ़ाने के लिए पूरे क्षेत्र में जागरूकता शिविर और परामर्श सेवाएं प्रदान करेगा। साथ ही, न्यूरोलॉजी विशेषज्ञों के सहयोग से मरीजों के इलाज और उनकी समस्याओं के समाधान के लिए आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
प्रो. (डॉ.) विवेक के. नांबियार ने केंद्र में 23 मरीजों का परीक्षण किया, जिनमें स्ट्रोक, उच्च रक्तचाप और न्यूरोलॉजिकल समस्याओं से जूझ रहे लोग शामिल थे। उन्होंने बताया कि यह पहल क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी।
बरोज़ मेमोरियल क्रिश्चियन अस्पताल की भूमिका
1935 में स्थापित बरोज़ मेमोरियल क्रिश्चियन अस्पताल, बराक घाटी का एक प्रसिद्ध धर्मार्थ अस्पताल है। इस परियोजना का प्रबंधन अस्पताल के प्रबंध निदेशक श्री जॉनसन सिंगसन और उनकी टीम द्वारा किया जा रहा है। अस्पताल की सेवाओं की सराहना करते हुए, अमृता इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और असम विश्वविद्यालय ने इसे सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं के लिए धन्यवाद दिया।
परियोजना के लक्ष्यों पर प्रकाश
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य स्ट्रोक से जुड़ी जटिलताओं को कम करना और विशेष रूप से गरीब और वंचित समुदायों तक गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं पहुंचाना है।
असम विश्वविद्यालय के डॉ. विवेक वर्मा ने कहा कि इस पहल से बराक घाटी में स्वास्थ्य सेवाओं के प्रभाव और पहुंच में व्यापक सुधार होगा।
इस अभिनव कार्यक्रम से न केवल बराक घाटी बल्कि उत्तर-पूर्वी भारत के अन्य क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाओं को नई दिशा मिलेगी।





















