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चाय श्रमिकों को पांच हजार रुपए दिए जाएगें- श्रम मंत्री
लावक चाय बागान से विशेष प्रतिनिधि द्वारा, 18 मार्च: आज काछाड़ जिले के लावक चाय बागान में बराक चाय श्रमिक यूनियन का भव्य, विशाल और ऐतिहासिक हीरक जयंती समारोह धूमधाम से आयोजित किया गया। हीरक जयंती समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि असम सरकार के श्रम मंत्री रूपेश ग्वाला ने कहा कि चाय श्रमिकों को पांच हजार रुपए दिए जाएगें। उन्होंने कहा कि जिन झूमर कलाकारों ने गुवाहाटी कार्यक्रम में भाग लिया सभी को मुख्यमंत्री जी के प्रयास से₹25000 दिए जाएंगे।

ध्वजोंत्तोलन, आसन ग्रहण, वंदे मातरम, दीप प्रज्वलन, अतिथि स्वागत आदि औपचारिकताओं के पश्चात दिवंगत चाय श्रमिक नेताओं को श्रद्धांजलि दी गई। यूनियन के सभापति और श्रीभूमि के सांसद कृपानाथ माला ने उपस्थित सभी का स्वागत करते हुए समारोह का उद्देश्य बताया तथा सभी का आभार प्रकट किया।। यूनियन के महासचिव राजदीप ग्वाला ने अपने महासचिव प्रतिवेदन में श्रमिकों को भूमि का अधिकार और मुआवजा का अधिकार प्रदान करने की मांग की। उन्होंने असम विश्वविद्यालय में चाय श्रमिक संतानों के लिए गर्ल्स और बॉयज हॉस्टल अलग से बनाने की मांग की। असम सरकार से जातियों की सूची का अनुमोदन करने का अनुरोध किया ताकि चाय श्रमिकों को जाति प्रमाण पत्र लेने में हो रही है असुविधा दूर हो सके। उन्होंने कहा कि यदि सरकार चाय बागानों को राशन सब्सिडी और 24 घंटे विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था करें तो चाय बागान के लोगों को मजदूरी 350 करने में भी असुविधा नहीं होगी। प्रतिवेदन के माध्यम से उन्होंने चाय बगान के श्रमिकों का इतिहास वर्णन करते हुए श्रमिकों की मेहनत, लगन और त्याग के बारे में जानकारी दिया। कार्यकारी अध्यक्ष अजीत सिंह ने अपने संक्षिप्त वक्तव्य में श्रमिकों को एक जुट होकर अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करने का आवाहन किया।
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Download File: https://preranabharati.com/wp-content/uploads/2025/03/VID_20250318_115618.mp4?_=1 “दुटी पाता एकटी कुड़ी” नमक स्मारिका का विमोचन किया गया। स्मारिका उप समिति के संपादक संतोष रंजन चक्रवर्ती, उपसभापति सनातन मिश्रा, संयोजक बाबूल नारायण कानू, सह संपादकद्वय सुरेश बड़ाइक, विशुद्धानंद महतो, सदस्य रवि नुनिया और दुर्गेश कुर्मी आदि ने पिछले 6-7 महीने से अथक परिश्रम कर स्मारिका को हीरक जयंती समारोह से पूर्व तैयार किया। स्मारिका विमोचन के पश्चात 65 झूमर कलाकारों ने मंत्रमुग्ध कर देने वाला झूमर नृत्य प्रस्तुत किया। झूमर संगीत पर मंत्री रूपेश ग्वाला, सांसद कृपानाथ माला और राजदीप ग्वाला सहित सभी लोग थिरकने लगे। चाय श्रमिक यूनियन से जुड़े आठ विशिष्ट व्यक्तियों को मरणोपरांत सम्मानित किया गया।
असम सरकार के मंत्री और समारोह के मुख्य अतिथि रूपेश ग्वाला ने बताया कि 24 वर्षों से आसाम चाय मजदूर संघ से जुड़े हैं और उसके महासचिव तथा श्रम मंत्री दोनों दायित्व निभा रहे हैं। शायद पहली बार मजदूर संघ का महासचिव और श्रम मंत्री एक साथ कोई बना है। उन्होंने कहा कि श्रमिकों की समस्या समाधान के लिए जिला स्तर पर समीक्षा बैठकर की जा रही है। शिलचर में तीनों जिले के चाय बागान के प्रबंधकों, जिला अधिकारी, पुलिस अधीक्षक, श्रम विभाग और पीएफ विभाग के अधिकारियों के साथ सोमवार को समीक्षा बैठक हुई। जिसमें बहुत सारे समस्याओं की जानकारी मिली। उन्होंने कहा कि श्रम विभाग और श्रमिकों के बीच की दूरी को समाप्त करके श्रमिकों की समस्या का समाधान करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने मलिक पक्ष से अनुरोध किया कि मैनेजमेंट की समस्या बताने के साथ मजदूरों की समस्या का भी विचार करें, उन्हें कानून के अनुसार सब सुविधा मिलनी चाहिए। चाय श्रमिक बहुत भोला है और मददगार है।
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Download File: https://preranabharati.com/wp-content/uploads/2025/03/VID_20250318_110513.mp4?_=2रूपेश ग्वाला का कहना था कि जब बागान पीएफ अटैच करता है तो उसे लेने के लिए कई लोग तैयार हो जाते हैं अर्थात चाय उद्योग में फायदा हो रहा है। उन्होंने कहा कि ऑर्थोडॉक्स चाय बनाने वालों को प्रति किलोग्राम ₹10 सब्सिडी मिलेगा। चाय बागान की सड़क सरकार बनवा रही है। चाय बागान के अस्पतालों में मेडिसिन सरकार दे रही है। चाय बागानों में एंबुलेंस भी सरकार दे रही है। चाय उद्योग सुरक्षित रहे फले-फुले इसके लिए सरकार पूरी कोशिश कर रही है। भारत सरकार चाय उद्योग के उन्नति के लिए 1000 करोड़ रूपया दे रही है। जिसमें से 700 करोड़ असम को मिलेगा। चाय बागान के लोगों के लिए नौकरी में तीन प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। 200 वर्ष पूर्ति के उपलक्ष्य में गुवाहाटी में झूमर नृत्य आयोजित किया गया। सभी झूमर कलाकारों को ₹25000 करके मुख्यमंत्री जी ने देने का निर्देश दिया है। बराक घाटी से 313 कलाकारों ने इसमें भाग लिया। प्रत्येक चाय श्रमिक को सम्मान के रूप में ₹5000 दिया जाएगा। प्रोविडेंट फंड की जानकारी के लिए एक ऐप बनाने का प्रयास चल रहा है। जिससे पीएफ का पैसा जमा होते ही श्रमिकों के मोबाइल में मैसेज आ जाए। एक हेल्पलाइन भी बनाई जाएगी। मनरेगा श्रमिकों के लिए बहुत सारी योजनाओं पर चर्चा चल रही है, चाय बागान में सीजन के समय काम करेंगे। बाकी समय मनरेगा की योजनाओं में काम करके अपने इलाके का उन्नयन करेंगे। चाय श्रमिकों के उन्नयन के लिए बहुत सारी योजनाएं बनाने का प्रयास चल रहा है।
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Download File: https://preranabharati.com/wp-content/uploads/2025/03/VID_20250318_115434.mp4?_=3कार्यक्रम का संचालन यूनियन के पदाधिकारी बाबुल नारायण कानू तथा चाय युवा कल्याण समिति के महासचिव विश्वजीत कोइरी ने किया। मंचासीन अतिथियों में असम चाय मजदूर संघ के सभापति तथा पूर्व केंद्रीय मंत्री पवन सिंह घटवार, पूर्व विधायक मणिलाल ग्वाला, विशिष्ट झूमर कलाकार पद्मश्री दुलाल मानकी, ईश्वर भाई उवाडिया, सुशील कुमार सिंह, संजय उपमन, सनातन मिश्रा, महाबल कोइरी, शिवपूजन रविदास, खिरोद कर्मकार, राधेश्याम कोइरी आदि शामिल थे। चाय युवा कल्याण समिति के सभापति ललन प्रसाद ग्वाला अतिथियों के स्वागत सत्कार में जुटे हुए थे। चाय युवा कल्याण समिति के अन्य पदाधिकारी सचिन साहू, चौधरी चरण गोड़ तथा यूनियन के कार्यकर्ता सुरजीत कर्मकार आदि कार्यक्रम की व्यवस्था में लगे हुए थे। कार्यक्रम में पूरे बराक घाटी से विशिष्ट व्यक्तियों सहित तीस हजार से अधिक संख्या में श्रमिकों ने भाग लिया।
इस दिन के समारोह में घाटी के प्रत्येक चाय बागानों से एक-एक श्रमिक को अंगवस्त्र प्रदान कर सम्मानित किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्थानीय कलाकारों द्वारा चाय बगान के धरोहर झुमुर नृत्य का प्रस्तुति भी काफी मनमोहक रही, जिसमें एक समय राज्य के श्रम मंत्री रुपेश ग्वाला, सांसद कृपानाथ मल्लाह, राजदीप ग्वाला सहित कई अतिथियों को झुमकर कलाकारों के साथ नृत्य करते देखा गया। विशिष्ट झुमुर गायक दुलाल मानकी और साजन नायक के झुमुर गीतों पर स्थानीय कलाकारों ने अपने नृत्यकला का प्रदर्शन किया।