फॉलो करें

बराक हिंदी साहित्य समिति ने महान गायक जुबीन गर्ग को दी श्रद्धांजलि, कार्यकारिणी बैठक संपन्न  

122 Views

बराक हिंदी साहित्य समिति ने महान गायन जुबीन गर्ग को दी श्रद्धांजलि, कार्यकारिणी बैठक संपन्न  

शिलचर, 28 सितंबर । बराक हिंदी साहित्य समिति रविवार को हिंदी भवन में अपनी कार्यकारिणी बैठक में मशहूर गायक जुबीन गर्ग को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी। महान गायक जुबीन गर्ग की प्रतिकृति पर माल्यार्पण पश्चात दीप प्रज्वलित किया गया। समिति के पदाधिकारियों और सदस्यों ने पुष्पांजलि अर्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। एक मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की गई। श्रीमती कमला सोनार ने जुबीन गर्ग के गीत प्रस्तुत की। विदित हो कि समिति के अध्यक्ष श्री उदय शंकर गोस्वामी की अध्यक्षता में आयोजित कार्यकारिणी बैठक में कार्यकारी अध्यक्ष मूलचंद वैद, पूर्व अध्यक्ष तथा कार्यकारिणी सदस्य परमेश्वर लाल काबरा, उपाध्यक्ष क्रमशः कन्हैयालाल सिंगोदिया व दुर्गेश कुर्मी, महासचिव प्रदीप कुमार कुर्मी, कोषाध्यक्ष सांवरमल काबरा, संयुक्त सचिव युगल किशोर त्रिपाठी, संगठन सचिव राजन कुँवर, कार्यालय सचिव प्रमोद जायसवाल, क्रीड़ा एवं सांस्कृतिक सचिव श्रीमती कमला सोनार, प्रचार सचिव योगेश दुबे सहित कार्यकारिणी सदस्य बाबुल नारायण कानू, तारकेश्वर सिंह, अजय यादव, ललित जैन, बंशीलाल भाटी, श्रीमती अपर्णा तिवारी, श्रीमती किरण त्रिपाठी, मनोज कुमार साह की मौजूदगी रही। श्री उदय शंकर गोस्वामी, मूलचंद वैद, बाबुल नारायण कानू, दुर्गेश कुर्मी, योगेश दुबे ने जुबीन गर्ग पर विचार व्यक्त किए। कहा गया कि जुबीन गर्ग का असम की संस्कृति से बहुत गहरा लगाव था। हिंदी भाषा से भी उनका लगाव था। हिंदी गीत भी प्रखर होकर गाते थे। वह हमेशा सबके यादों में बने रहेंगे। जुबीन गर्ग के असामयिक निधन से लोग शोक में हैं। जुबीन गर्ग एक मशहूर गायक थे, जिन्होंने देशभर में अपनी पहचान बनाई। असम की संस्कृति से उनका बहुत गहरा लगाव था और उनका संगीत आने वाली पीढ़ियों को मंत्रमुग्ध करता रहेगा। असंख्य गीतों के गायन के साथ वह गीत लिखते भी थे। अनेक समय पर उन्होंने खुले मन से सार्वजनिक मंच पर हिंदी गीत के प्रति अपना समर्थन जताकर हिंदी प्रेमी होने का परिचय भी दिया है। जुबीन गर्ग ने लोकगीतों को बहुत तवज्जो दी। कई भाषाओं में गीत गाया। असमिया, बांग्ला, भोजपुरी और हिंदी में भी गीत गाए। छठ गीत भी उन्होंने गाया है। लोकगीतों के प्रति बेहद लगाव था।

उन्हें असम की संस्कृति और पहचान के लिए एक महत्वपूर्ण आवाज माना जाता है। इस अवसर पर श्रीमती अपर्णा तिवारी ने एक गीत की प्रस्तुति दी। इसके पूर्व कार्यकारिणी बैठक में सामूहिक हनुमान चालीसा पाठ के बाद विगत कार्यकारिणी का लेखा जोखा का पाठ और विगत हिन्दी दिवस समारोह पर चर्चा हुई। हिंदी दिवस समारोह के सफल आयोजन के लिए समिति के अध्यक्ष एवं अन्य कार्यकारिणी सदस्यों ने संयोजक युगल किशोर त्रिपाठी की भूरी – भूरी प्रशंसा करते हुए बधाई एवं शुभकामनाएं दी। इस बार हिंदी दिवस समारोह में दो प्रमुख पुस्तकों का लोकार्पण हुआ उसके लिए प्रशंसा की गई। कई अन्य महत्वपूर्ण विषय पर भी चर्चा की गई और अध्यक्ष ने उसपर ध्यान आकर्षित किया। युगल किशोर त्रिपाठी ने एक प्रस्ताव रखते हुए कहा कि समिति सदस्यता के प्रति हमेशा अलग – अलग व्याख्या दिए जाते है, ऐसे में इस संबंध में विधिवत चर्चा की आवश्यकता बताई। जबकि कन्हैयालाल सिंगोदिया ने मेधावी विद्यार्थियों को दिए जाने वाले सम्मान समारोह में कुछ बदलाव की ज़रूरत बताते हुए उसपर चर्चा हो, यह प्रस्ताव रखा। आपसी सहमति एवं चर्चा बाद लालन प्रसाद ग्वाला और कौशल सिंह को कार्यकारिणी समिति में बतौर सदस्य के रूप में शामिल किया गया।

Share this post:

Leave a Comment

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल