कोकराझार (असम), 06 दिसम्बर (हि.स.)। पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदू और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अमानवीय अत्याचार, संपत्तियों की तोड़फोड़ और अन्य हिंसा के विरोध में आज गोसाईगांव में एक विशाल विरोध रैली का आयोजन किया गया। यह रैली गोसाईगांव उपखंड सनातन समाज के नेतृत्व में आयोजित की गई थी।
रैली में शामिल दो हजार से अधिक लोगों ने हाथों में बैनर और पोस्टर लेकर “यूनुस सरकार हाय हाय”, “यूनुस सरकार मुर्दाबाद”, “बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो”, “चिन्मय दास को रिहा करो”, “बांग्लादेश के कट्टरपंथी ताकतों का नाश हो” जैसे नारे लगाकर गोसाईगांव की सड़कों पर नारे लगाए।
गोसाईगांव के नाट्य मंदिर परिसर से शुरू होकर यह रैली पूरे शहर का भ्रमण करती हुई उपखंड अधिकारी कार्यालय पहुंची। वहां बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने की मांग सहित कई अन्य मांगों को लेकर एक ज्ञापन उपखंड अधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा गया।
रैली का उद्घाटन गोसाईगांव के कमलनाथ क्लब सह लाइब्रेरी के अध्यक्ष पुतुल चंद्र दास ने किया। उन्होंने कहा कि पड़ोसी देश बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार के शासनकाल में अराजकता का माहौल पैदा हो गया है। विशेष रूप से अल्पसंख्यक हिंदू, बौद्ध, ईसाई, जैन धर्म के लोगों पर अत्याचार किया जा रहा है और हिंदू मंदिरों को ध्वस्त किया जा रहा है। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि शांति के लिए नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले मोहम्मद यूनुस के शासनकाल में हो रही इन घटनाओं के कारण उनका नोबेल पुरस्कार वापस लेने की मांग की जानी चाहिए।
इसके अलावा, रैली में उपस्थित शाखा साहित्य सभा के अध्यक्ष खनिंद्र नाथ दास ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निंदा की और जल्द से जल्द इन घटनाओं को रोकने और शांति का माहौल बनाने के लिए बांग्लादेश की यूनुस सरकार से अपील की।