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*सुब्रत दास,बदरपुर:* बदरपुर घाट बिलपार के निवासियों ने मंगलवार को पेयजल की मांग को लेकर धरना दिया। स्थानीय लोगों ने संवाददाताओं से कहा कि,वे आजादी के बाद से ही पीने के पानी की इस कमी से जूझ रहे हैं। पेयजल की कोई भी व्यवस्था नहीं है। कई बार बदरपुर नगर समिति कार्यालय गया और ज्ञापन दिया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। मतदान के दौरान नेता तरह-तरह के वादे करते हैं लेकिन जब वोट चला जाता है, तो उसे वसंत के कोयल की तरह साइड काट कर जाता। कोई भी नेता अब उन लोगो बारे में पूछताछ नहीं करता। स्थानीय युवकों ने कहा कि,वे सभी सुबह दिनमजूरी काम पर चला जाता,और शाम को घर लौटता हैं। बुजुर्ग माता-पिता अपने घर में कुछ किलोमीटर की यात्रा कर,दो जोड़ी रेलवे लाइनों को पार करते हुए पानी के टिन और घड़े से पानी लाते। इस रेलवे पटरे पर एक्सप्रेस ट्रेनें की आवाजाही रहता है। अगर पानी लाते समय ट्रेन के चपेट में आने पर किसी के माता-पिता की मौत हो गई तो उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा ! समय कम होने के बावजूद कई बार उसे नालों से पानी पीने में दिन बिताना पड़ता है क्योंकि इतनी दूर से पानी नहीं ला सकते हैं। ऐसा जल पीने के कारण स्थानीय लोग पेट की बीमारियों और त्वचा रोगों से पीड़ित हैं। उन्होंने आगे कहा कि,वे उन शुरुआती दिनों से बीजेपी का समर्थन करते रहे हैं, लेकिन आज तक साधारण पीने का पानी नहीं दिला सका। केंद्र में भाजपा सरकार, राज्य में भाजपा सरकार और पिछली नगर पालिका में भी भाजपा बोर्ड थे लेकिन उन्होंने इस पानी की समस्या का समाधान क्यों कर नहीं पाया। इसको लेकर स्थानीय लोग असमंजस में हैं।