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27 May, बीएम शुक्लवैद्य, बिहाड़ा: बिहाड़ा के चित्र और नृत्य कलाकार तथा शिल्प निकेतन के प्रमुख माणिक मालाकार ने कोरोना के बावजूद अपने ही घर में विद्रोही कवि काजी नजरूल इस्लाम की १२२ वीं जयंती मनाई। उसी दिन उन्होंने अपने आवास पर आयोजित एक कार्यक्रम में दीप प्रज्ज्वलित करके विद्रोही कवि के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पाञ्जलि अर्पित किए। फिर उन्होंने नज़रूल नृत्य और नज़रूल संगीत प्रस्तुत करके कवि को श्रद्धांजलि दी।