पटना. बिहार में पुल गिरने का सिलसिला नहीं थम रहा है. अब एक और पुल ने जल समाधि ले ली. सहरसा के महिषी प्रखंड अंतर्गत कुंदह पंचायत स्थित प्राणपुर एनएच-17 से बलिया-सिमर जाने वाली सड़क पर बना पुल ध्वस्त हो गया है. बताया जा रहा है कि कोसी नदी में तेज बहाव के कारण यह पुल गिर गया. पुलिया टूटने की खबर के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने हालात का जायजा लिया.
करीब पांच साल पहले इस पुल का निर्माण कराया गया था. जानकारी मुताबिक बिहार सरकार में जेडीयू कोटे से मंत्री रत्नेश सादा के गृह पंचायत में ग्रामीण कार्य विभाग ने इसे बनवाया था. ग्रामीणों ने पुल के निर्माण में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे. पांच साल में ही पुल के टूटने पर अब सवाल उठ रहे हैं. पुलिया के टूटने से अब लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. पुलिया के टूटने से खासकर ग्रामीणों को आवाजाही के लिए परेशानी होगी. यह पुलिया ही उनके लिए मुख्य संपर्क का माध्यम थी.
20 दिनों में बिहार में कई पुलों ने ली जल समाधि
बता दें, पिछले करीब 20 दिनों में बिहार में कई पुल ध्वस्त हो चुके हैं. सीवान जिले में दो और सारण में एक पुल गिर गया. मधुबनी जिले के झंझारपुर में निर्माणाधीन पुल का बीम गिर गया. यह करीब तीन करोड़ की लागत से बनाया जा रहा था. बकरा नदी के ऊपर 12 करोड़ की लागत से बन रहा पुल भी ढह गया. इसके कुछ ही दिन बाद सीवान की गंडकी नदी पर बन रहे पुल के धराशायी होने का मामला सामने आया. फिर पूर्वी चंपारण में निर्माणाधीन पुल भी गिर गया. किशनगंज में कंकई और महानंदा नदी को जोड़ने वाली नदी पर बन रहे पुल के भी गिरने का मामला सामने आया था. इनके अलावा पंचायत स्तर पर भी कई पुल ध्वस्त हो चुके हैं.
पुल पर सियासत तेज
पुल गिरने की घटना पर राजनीति शुरू हो गई. बिहार सरकार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने आरजेडी कार्यकाल पर इसका आरोप लगाया. वहीं दूसरी ओर नीतीश के करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव के पास ये विभाग था. जांच कराई जा रही है. उसके बाद तेजस्वी यादव ने एक्स पर लिखकर बिहार सरकार को चैलेंज दिया. तेजस्वी ने कहा कि एक भी पुल बता दें, जो उनके कार्यकाल में बना हो. कुल मिलाकर पुल को लेकर जहां विपक्ष सत्ता पक्ष पर हमलावर रहा. वहीं दूसरी ओर सत्ता पक्ष इसका आरोप विपक्ष पर लगाता रहा. हालांकि, सिवान जिले के लहलादपुर में 20 साल पुराना पुल ध्वस्त हो गया था. इस पुल का निर्माण 2004 में हुआ था. इस पर 22 लाख की लागत आई थी. सिवान में एक दिन में गिरने वाले 6 पुलों में से 4 पुल लालू यादव और राबड़ी देवी के शासनकाल के बने हुए थे.