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अनिल मिश्र/रांची, 31 दिसंबर: नये साल के आगमन में अब कुछ घंटे ही बाकी है।नये साल के स्वागत के लिए देश से लेकर विदेशों तक लोग पलक पांवड़े बिछाए हुए हैं। वहीं नये साल यानी 2025में बिहार विधानसभा का चुनाव होना है।जिसे लेकर अभी से ही राजनीतिक तापमान बढ़ गई है। वहीं पड़ोसी राज्य झारखंड में भी इस चुनाव को लेकर पारा चढ़ गया है।इसकी सबसे बड़ी वजह राज्य की सबसे पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इस बार गठबंधन के तहत बिहार में चुनाव लड़ने की तैयारी में है।इस विधानसभा चुनाव में पार्टी कम से कम एक दर्जन विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है।इस बार के बिहार विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा कम से कम इस बार 12 सीटों की मांग करने पर विचार कर रही है। जानकारी के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार में राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस से 12 सीटों की मांग करेगा। इसके पीछे पार्टी का तर्क है कि बिहार के सीमावर्ती जिलों में पार्टी का मजबूत जनाधार है। यहां पर पूर्व में पार्टी के विधायक भी वहां से रहे हैं।जानकारी के मुताबिक झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार प्रदेश की जिन सीटों पर दावा कर रहा है। उनमें तारापुर, कटोरिया, मनिहारी, झाझा, बांका, ठाकुरगंज, रूपौली, रामपुर, बनमनखी, जमालपुर, पीरपैंती और चकाई विधानसभा की सीट शामिल है।
इस संबंध में झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं का कहना है कि इन सीटों पर न सिर्फ उनके कार्यकर्ता हैं बल्कि प्रत्याशी भी हैं। इस संबंध में बताया जा रहा है कि जल्द ही राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस गठबंधन के साथ झारखंड मुक्ति मोर्चा की बैठक होगी। वहीं इस मांग को रखा भी व्यापक रूप से रखा जायेगा। गौरतलब है कि वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में भी झारखंड मुक्ति मोर्चा बिहार में अकेले ही चुनाव लड़ा था। लेकिन सफलता नहीं मिल पायी थी।इस बार झारखंड में राजद व कांग्रेस को पर्याप्त प्रतिनिधत्व दिया गया था। पार्टी को उम्मीद है कि जैसे झारखंड में सीट का बंटवारा किया गया था।वैसे ही बिहार में भी महागठबंधन सीट का बंटवारा करेगा।अब आने वाले समय में ही पता चलेगा कि राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस दोनों राजनीतिक पार्टियां बिहार में झारखंड मुक्ति मोर्चा को कितना तब्जजों देते हैं।