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अनिल मिश्रा पटना 19 अक्टूबर: बिहार में शराब से मौत के मामले पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। शराबबंदी को सरकार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया है। तेजस्वी ने कहा कि जहरीली शराब से हजारों जानें लेने वाले मुख्यमंत्री अब महात्मा बनने का ढोंग कर रहे है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए तेजस्वी ने शराबबंदी के आंकड़े भी प्रस्तुत किए हैं।
बिहार प्रदेश में शराब से मौत के मामले पर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होने शराबबंदी को सरकार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार बताया है । सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा है कि राज्य में शराब के नाम पर अवैध कारोबार के रूप में लगभग 𝟑𝟎 हजार करोड़ रुपए का है।
तेजस्वी कहा कि एक आंकड़े के अनुसार बिहार में हर दिन औसत 𝟒𝟎𝟎 से ज्यादा लोगों की शराब से जुड़े मामलों में गिरफ्तारी होती है । साथ ही बिहार पुलिस व मद्य निषेध विभाग की ओर से प्रदेश में हर दिन करीब 𝟔𝟔𝟎𝟎 छापेमारी करती है ।यानि औसत हर घंटे 𝟐𝟕𝟓 छापेमारी होती है। इसका अर्थ है बिहार पुलिस और मद्य निषेध विभाग हर महीने लगभग 𝟐 लाख तथा प्रतिवर्ष 𝟐𝟒 लाख जगह छापेमारी करता है लेकिन इसके बाद भी अवैध शराब का काला काराबोर बदस्तूर जारी है। जिसका आशय आशय यह भी है कि ज़ब्त शराब को बाद में नेताओं, शराब माफिया और पुलिस अधिकारियों की मिलीभगत से बाजारों में बेच दिया जाता है। तेजस्वी यादव ने पोस्ट में लिखा कि बिहार के हर चौक-चौराहे पर शराब की दुकानें खुलवाने वाले और शराबबंदी के नाम पर जहरीली शराब से हजारों जानें लेने वाले मुख्यमंत्री अब महात्मा बनने का ढोंग कर रहे है।
अपने शुरू के 𝟏𝟎 वर्षों में बिहार में शराब की खपत बढ़ाने के हर उपाय किये और अब अवैध शराब बिकवाने के हर उपाय कर रहे है। क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मेरे इन तथ्यों को झुठला सकते है? 𝟐𝟎𝟎𝟒-𝟎𝟓 में बिहार के ग्रामीण इलाकों में 𝟓𝟎𝟎 से भी कम शराब की दुकानें थीं। लेकिन 𝟐𝟎𝟏𝟒-𝟏𝟓 में उनके शासन में यह बढ़कर 𝟐,𝟑𝟔𝟎 हो गई। 𝟐𝟎𝟎𝟒-𝟎𝟓 में पूरे बिहार में लगभग 𝟑𝟎𝟎𝟎 शराब की दुकानें थीं जो 𝟐𝟎𝟏𝟒-𝟏𝟓 में बढ़कर 𝟔𝟎𝟎𝟎 से अधिक हो गईं। तेजस्वी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर यह भी कहा है कि महाराष्ट्र से ज्यादा लोग बिहार में शराबबंदी के बाबजूद यहां शराब पी रहे हैं।राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (𝐍𝐇𝐅𝐒) की रिपोर्ट के अनुसार बिहार में शराबबंदी होने के बावजूद बिहार में महाराष्ट्र से ज्यादा लोग शराब पी रहे हैं। वर्तमान बिहार में 𝟏𝟓.𝟓 प्रतिशत पुरुष शराब का सेवन करते हैं। वहीं इसकी तुलना में महाराष्ट्र जहां शराबबंदी नहीं है, वहां शराब पीने वाले पुरुषों का प्रतिशत महज 𝟏𝟑.𝟗 है। बिहार के ग्रामीण क्षेत्रों में 𝟏𝟓.𝟖 प्रतिशत और शहरी इलाकों में 𝟏𝟒 प्रतिशत लोग शराब पीते हैं, फिर भी नीतीश जी अनुसार बिहार में शराबबंदी लागू है।क्या मजाक है?