रांची. बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की शिक्षक नियुक्ति परीक्षा पेपर लीक और सॉल्वर गैंग का रैकेट झारखंड के हजारीबाग से संचालित हो रहा था. इस रैकेट का खुलासा बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू), बिहार पुलिस और झारखंड पुलिस के ज्वायंट ऑपरेशन में हुआ है. हजारीबाग से गैंग के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
अब तक की जांच में खुलासा हुआ है कि गैंग ने अभ्यर्थियों को परीक्षा का पेपर उपलब्ध कराने और उनके उत्तर सॉल्व कराने के एवज में पांच से लेकर 15 लाख रुपए तक वसूले थे. ऐसे करीब 400 से भी ज्यादा अभ्यर्थियों को हजारीबाग में अलग-अलग बैंक्वेट हॉल और होटल में रखकर प्रश्नों के उत्तर रटवाए गए थे.
पुलिस ने होटलों और बैंक्वेट हॉल में छापा मारकर ऐसे ढाई सौ से ज्यादा अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया है. इन जगहों पर रुकवाए गए अभ्यर्थी शुक्रवार को बिहार के अलग-अलग परीक्षा केंद्रों के लिए बसों से रवाना हुए थे. पुलिस ने इन बसों को बीच रास्ते में रोककर हिरासत में लिया. परीक्षा शुक्रवार को ही होनी थी. सुबह तीन बजे सभी छात्रों को अलग-अलग केंद्रों पर ले जाया जा रहा था. तभी पुलिस को इसकी भनक लगी और बड़ा ऑपरेशन चलाया गया.
हजारीबाग के बरही से 90, पेलावल से 70, पदमा से 80, कोर्रा से 15 और कटकमसांडी से 15 अभ्यर्थियों को हिरासत में लिया गया. बीती रात को इन्हें पुलिस बिहार ले गई है, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है. रैकेट का संचालन करने वाले जिन पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है, उनके पास से प्रश्नपत्र, कंप्यूटर, लैपटॉप, प्रिंटर, पेन ड्राइव बरामद हुए हैं.
बताया जा रहा है कि गुरुवार को ही आर्थिक अपराध इकाई पटना को सूचना मिली थी कि हजारीबाग में प्रश्नपत्र लीक हो गया है. इसके बाद झारखंड की हजारीबाग पुलिस के सहयोग से ऑपरेशन चलाया गया.
बताया जा रहा है कि अभ्यर्थियों के पास से जो प्रश्न पत्र मिले हैं, वही प्रश्न शुक्रवार को आयोजित परीक्षा में पूछे गए थे. सबसे चौंकाने वाली बात यह कि इस रैकेट के संचालन में बिहार सरकार के कई अफसरों की संलिप्तता के सबूत मिल रहे हैं. बिहार के एक वरिष्ठ अधिकारी के नेमप्लेट की एक गाड़ी भी हजारीबाग में जब्त की गई है.