मालूम हो कि कांग्रेस और भाजपा दोनों ने आरोप लगाया था कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सरकार ने चुनावों में सत्तारूढ़ शिवसेना को लाभ पहुंचाने के लिए बीएमसी में सीटों की संख्या में वृद्धि की. इसके साथ ही वार्ड की सीमाओं को भी बढ़ाया. एकनाथ शिंदे और देवेंद्र फडणवीस सरकार के दो सदस्यीय कैबिनेट के समक्ष रखे गए एक प्रस्ताव में कहा गया है कि ताजा जनगणना के अभाव में स्थानीय निकायों में पार्षद सीटों की संख्या बढ़ाना उचित नहीं है. 2021 की जनगणना कोविड महामारी के कारण नहीं हुई और यह कब आयोजित की जाएगी इस पर कोई स्पष्टता नहीं है.
साल 2017 के निकाय चुनावों के लिए वार्डों की संख्या 2011 की जनगणना पर आधारित थी. जब एमवीए सरकार ने स्थानीय निकायों के लिए सीटों की संख्या बढ़ाई तो कानून और न्यायपालिका विभाग ने उसी आधार पर वार्डों की संख्या में वृद्धि पर आपत्ति जताई थी. कहा गया था कि जब कोई जनगणना नहीं हुई तो वार्डों की संख्या कैसे बढ़ाई जा सकती है.
वहीं शिंदे-फडणवीस कैबिनेट ने महाराष्ट्र जिला परिषद अधिनियम में संशोधन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी. ताकि सीटों की न्यूनतम संख्या को मौजूदा 55 के बजाय 50 और अधिकतम संख्या को मौजूदा 85 के बजाय 75 किया जा सके. इस संबंध में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को शिवसेना के नेतृत्व वाली एमवीए सरकार की इस नीति को रद्द करने के लिए पत्र लिखने वाले कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने कहा कि यह मुंबई कांग्रेस और मुंबई के लोगों के लिए बड़ी जीत है.