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प्रे.स. शिलचर, 17 मार्च: बीडीएफ के आह्वान पर आयोजित बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों और गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में लोकतांत्रिक अधिकारों को सीमित करने और सरकारी आक्रामक कदमों की निंदा प्रस्ताव पारित किया गया।
हाल ही में, यूएसटीएम के कुलाधिपति सहित विभिन्न व्यक्तियों के खिलाफ अनैतिक और आक्रामक कदम उठाने तथा लोकतांत्रिक आवाज़ को दबाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा लिए गए फैसलों की निंदा शिलचर पेंशनर्स भवन में आयोजित एक बैठक में की गई, जो बराक डेमोक्रेटिक फ्रंट (बीडीएफ) के आह्वान पर आयोजित हुई।
इस बैठक में विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि और बराक के विभिन्न हिस्सों से आए प्रतिष्ठित व्यक्ति उपस्थित थे। वक्ताओं ने न्याय प्रणाली की अवहेलना कर और लोकतांत्रिक अधिकारों को कमजोर कर यूएसटीएम के कुलाधिपति महबूबुल हक को जिस तरह प्रताड़ित किया जा रहा है, उस पर अपनी नाराज़गी जताई। इतना ही नहीं, सोशल मीडिया पर सरकार विरोधी पोस्ट करने या किसी समाचार माध्यम में अपनी राय व्यक्त करने पर पुलिस प्रशासन और सरकार द्वारा जो आक्रामक कदम उठाए जा रहे हैं, उसे लोकतंत्र और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के लिए खतरा बताया। उपस्थित विशिष्ट जनों ने कहा कि किसी को दोषी या निर्दोष साबित करने से पहले ही गिरफ्तारी और पुलिस उत्पीड़न के ज़रिए लोकतंत्र और न्याय प्रणाली का उपहास उड़ाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जाति-धर्म से परे सभी को इसके खिलाफ आवाज उठानी होगी।
निंदा प्रस्ताव पारित करने के साथ-साथ, इस बैठक में राज्य और केंद्रीय गृह मंत्री को ज्ञापन सौंपने का भी निर्णय लिया गया। इसके अलावा, मौजूदा सामाजिक और राजनीतिक अव्यवस्था के प्रतिरोध में प्रभावी कदम उठाने के लिए आगामी दिनों में एक बड़ी नागरिक बैठक आयोजित करने का भी निर्णय लिया गया।
इस बैठक में फोरम फॉर सोशल हार्मनी की ओर से अरिंदम देव और स्निग्धा नाथ, सीआरपीसी की ओर से नजमुल हक मजूमदार, सोसाइटी फॉर ब्राइट फ्यूचर की ओर से अजमल हुसैन लश्कर, कथा विकल्प परिवार की ओर से अदीमा मजूमदार, आमसू की ओर से बहारुल इस्लाम और सादिक अख्तर, बीडीएफ की ओर से ऐनुल हक मजूमदार, हृषिकेश दे, जयदीप भट्टाचार्य, अबू सु्फियान, दायेद हुसैन बरभूइयां, इनामुद्दीन लश्कर, एस. अहमद, हसन जमान लश्कर आदि उपस्थित थे।
बीडीएफ की ओर से देबायन देव ने एक प्रेस बयान जारी कर यह जानकारी दी।




















