शिलचर, 19 जुलाई: बेरेङ्गा प्रथम खंड की एक तीन कट्ठा ज़मीन को लेकर वर्षों से चल रहे पारिवारिक विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। ज़मीन के वैध दस्तावेज़ों के बावजूद, नूर मोहम्मद बड़भुइया और उनकी पत्नी रौजी आरा बेगम बड़भुइया को रास्ते और ज़मीन से बेदखल करने का गंभीर आरोप सामने आया है।
पीड़ित दंपति का आरोप है कि पिछले सात वर्षों से उनके करीबी रिश्तेदार—मोनिर अहमद बड़भुइया और उनकी पत्नी अनोआरा बेगम, अमीर अहमद बड़भुइया और उनकी पत्नी हसीना बेगम—उनकी ज़मीन तक पहुंचने का रास्ता जबरन कब्ज़ा कर बैठे हैं। इस दौरान उन्हें मारपीट कर वहाँ से निकाल भी दिया गया था। भय और असुरक्षा की स्थिति में नूर मोहम्मद और उनकी पत्नी को बाशकांदी में किराये के मकान में शरण लेनी पड़ी।
हालात तब और बिगड़ गए जब शनिवार को पीड़ित दंपति अपनी ज़मीन की सीमा में बाड़ लगाने पहुंचे। आरोप है कि तभी उक्त चारों आरोपियों ने फिर से एकजुट होकर उन पर जानलेवा हमला किया। किसी तरह जान बचाकर वे शिलचर सदर थाने पहुंचे और वहां पुनः शिकायत दर्ज कराई।
इससे पहले भी शुक्रवार को नूर मोहम्मद ने शिलचर सदर थाने में आरोपियों के विरुद्ध मामला दर्ज कराया था।
अब पीड़ित रौजी आरा बेगम बड़भुइया ने मीडिया के माध्यम से जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि उन्हें और उनके पति को न्याय दिलाने के लिए दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।




















