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प्रेरणा प्रतिवेदन गुवाहाटी, 25 अक्टूबर: वाराणसी उत्तर प्रदेश के संगठन द्वारा ब्रह्मराष्ट्र एकम् परिवार का धार्मिक आयोजन चतुर्थ राष्ट्रीय सनातन अधिवेशन 26 अक्टूबर को गुवाहाटी में आयोजित किया जा रहा है। 26 अक्टूबर को सुबह 10:00 बजे से शाम 7:00 तक हितेश्वर सैकिया सभागृह मालीगांव, पांडू में कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सभी संप्रदाय एवं पथ का मूल सनातन धर्म है, गुरुकुल शिक्षा के विकास एवं नशा मुक्त भारत विषय पर अधिवेशन आयोजित किया गया है। पौराणिक स्थलों पर संत महात्माओं, विचारकों और अनुयायियों के मध्य भारतीय संस्कृति के प्रचार प्रसार हेतु यह राष्ट्रीय समागम आयोजित किया गया है|
मुख्य आयोजक डॉक्टर सचिन सनातनी ने बताया कि कार्यक्रम के प्रथम सत्र में असम के राज्यपाल माननीय लक्ष्मण आचार्य जी तथा द्वितीय सत्र में केरल के राज्यपाल माननीय आरिफ मोहम्मद खान सहित अनेकों विशिष्ट व्यक्तित्व भाग लेंगे। उन्होंने कहा कि यह ऐसा विशाल मंच है जो प्राचीन समय से सृष्टि की रचना के अनुसार जो व्यवस्था बनी है, उस सनातन व्यवस्था की संस्कृति, संस्कार एवं सभ्यता को ध्यान में रखते हुए सनातन धर्म के प्रमुख संतो, धर्म प्रचारकों एवं धार्मिक वक्ताओं को मंच प्रदान कर समाज को जागरूक करते हुए सनातन मूल्यों,परंपराओं एवं आदर्शों की स्थापना करेंगें।
ब्रह्म अर्थात ब्रह्मा जिसका अर्थ होता है सृष्टि की उत्पत्ति का आधार और राष्ट्र का अर्थ होता है सांस्कृतिक रूप में संगठित और एकरूपीय समुदाय जिसे अपनी आध्यात्मिक जीवन की एकता और अभिव्यक्ति का ज्ञान है और उसे बनाए रखना चाहता है। जैसा कि हम जानते हैं कि एक महान विकसित राष्ट्र के निर्माण के लिए चार महत्वपूर्ण चीजें होती है जिनके आधार पर राष्ट्र का निर्माण होता है और वह चीजें हैं भाषा धर्म सभ्यता और संस्कृति जिनके आधार पर राष्ट्र का निर्माण किया जाता है फिर धीरे-धीरे इसमें आर्थिक विकास वह सामाजिक विकास की नीतियों को भी सम्मिलित किया जाता है अब इस राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया को अगर हम भारतवर्ष के संदर्भ में देखें तो हमें देखते हैं की जो भारतवर्ष की मुख्य समाज है जो कि हिंदू समाज है उसके अंदर जातिगत भेदभाव विद्यमान है और यह जातीय भेदभाव एक सशक्त और मजबूत राष्ट्र के निर्माण में बहुत बड़ा संकट है| ऐसे संकट को और भेदभाव को मिटाने का सफल प्रयास है जिससे सशक्त भारत की रचना विश्व पटल पर की जा सके।