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भगवान बुद्ध की तपोभूमि से ज्ञान की भूमि तक निकली  ज्ञान यात्रा, तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव का आगाज कल से 

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अनिल मिश्र/पटना, 30 जनवरी: बिहार के अंतःसलिला के नाम से प्रचलित निरंजना नदी (फल्गु नदी) के पूर्वी तट पर स्थित भगवान बुद्ध की तपोभूमि ढुंगेश्वरी पहाड़ की तलहटी से भगवान बुद्ध के पद मार्ग से चलते हुए ज्ञान की भूमि बोधगया तक आज ज्ञान यात्रा निकाली गई । इस यात्रा में आज देश- विदेश के बौद्ध धर्म गुरु व बौद्ध भिक्षुओं सहित बड़ी संख्या में बौद्ध श्रद्धालुओं शामिल हुए। इस पद यात्रा के सभी पदयात्री भगवान बुद्ध के पैदल चलने वाले क्षेत्रो को देखते हुए तथा उस समय की परस्थितियों का अनुभव करते हुए तथा विश्व में शांति बने रहे इसके लिए ज्ञान की नगरी बोधगया में भगवान बुद्ध से कामना किए।
 यह पद यात्रा ढुंगेश्वरी से बोधगया की दूरी 10 किलोमीटर है। इस पद यात्रा में कंबोडिया ,थाईलैंड ,म्यांमार ,बांग्लादेश ,नेपाल ,तिब्बत , श्रीलंका ,सिंगापुर , इंडोनेसिया , श्रीलंका सहित कई देश के बौद्ध भिक्षुओं ने भाग लिया। गौरतलब हो कि करीब ढाई हजार वर्ष पूर्व राजकुमार सिद्धार्थ ने ज्ञान प्राप्ति की खोज के लिए राजगीर से ढुंगेश्वरी पहाड़ी पर पहुँचे थे। जँहा छह साल तक एक गुफा में कठिन तपस्या की थी। तपस्या करने के बाद ढुंगेश्वरी पहाड़ी पैदल चलकर भगवान बुद्ध बोधगया पहुंचे। जहां उन्हें बोधि वृक्ष के समक्ष ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
इस पद यात्रा को सफल बनाने के लिए जिला प्रशासन के साथ बोधगया के स्थानीय लोग भी इसमें हिस्सा लिया। करीब सुबह सात बजे ढूंगेश्वरी पहाड़ी से दस किलोमीटर की पैदल यात्रा करते हुए बौद्ध श्रद्धालु बकरौर स्थित सुजाता गढ़ स्तूप पहुंचे। वहां श्रद्धालुओं को खीर खिलाया गया। इस ज्ञान यात्रा के साथ ही कल शुक्रवार यानी 31 जनवरी से तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव समारोह आयोजित हो रहा है। इस बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन गया जिले के प्रभारी मंत्री करेंगे।वहीं इस अवसर पर विदेशी व बाॅलीबुड कलाकारों द्वारा गीत नृत्य और संगीत का प्रदर्शन भी किया जाएगा। मालूम हो कि 1998‌ में पहला बौद्ध महोत्सव का आयोजन जिला प्रशासन ने किया था। जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और बिहार की मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने शिरकत किये थे।
 उसके बाद प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन द्वारा बौद्ध महोत्सव का आयोजन होता रहा है।इस वर्ष का बौद्ध महोत्सव कल शुक्रवार यानी 31 जनवरी की शाम बोधगया के कालचक्र मैदान में तीन दिवसीय बौद्ध महोत्सव का उद्घाटन होगा। सर्वप्रथम बौद्ध भिक्षुओं के मंत्रोच्चार के साथ महोत्सव का शुभारंभ किया जाएगा। उद्घाटन के बाद मुख्य अतिथियों का संबोधन और बिहार गौरव गान, विदेशी कलाकारों और बॉलीवुड के पार्श्व गायक अंकित तिवारी की प्रस्तुति होगी। दूसरे दिन शनिवार को कालचक्र मैदान के मंच पर स्थानीय व बिहार के कलाकारों की प्रस्तुति होगी। तीसरे दिन यानि 2 फरवरी को बौद्ध महोत्सव का समापन होगा। समापन के दिन रविवार की शाम बॉलीवुड के प्रसिद्ध पार्श्व गायक अभिजीत की धमाकेदार गायकी का आनंद लोग उठाएंगे।

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