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विशेष प्रतिनिधि शिलचर, 7 जनवरी: आज प्रातः काल डीएसए शिलचर से निकली बाइक रैली के साथ काठिया बाबा आश्रम से निकली भव्य शोभा यात्रा रांगीरखाड़ी में एकाकार हो गई। शोभायात्रा में सुसज्जित ट्रकों पर बैठे वृंदावन से आए संत महंत शोभायात्रा का विशेष आकर्षण थे। शोभायात्रा में मणिपुरी बैंड और विभिन्न संप्रदायों की भजन कीर्तन मंडली गाते बजाते चल रही थी। पीत वस्त्र में आगे-आगे महिलाएं शोभायमान हो रही थी। शोभायात्रा में विभिन्न ने संप्रदाय के लोग शामिल थे। वृंदावन से पधारे कथा के आयोजक गौर गोपाल दास जी, सच्चिदानंद दास जी महाराज, फूलडोल दास जी महाराज आदि संत पदयात्रा की शोभा बढ़ा रहे थे। शोभायात्रा में शिलचर के विशिष्ट समाजसेवी परमेश्वर लाल काबरा, गिरिजा शंकर अग्रवाल, सपन शुक्लवैद, प्रमोद शर्मा, मनोज कांति दास सहित सहित अनेकों विशिष्ट व्यक्तित्व शामिल थे। भागवत कथा के आयोजन प्रमुख अर्पण पाल पिछले कई महीनो से दिन-रात अथक परिश्रम में जुटे हुए हैं। उल्लेखनीय है कि कथा का आयोजन शिलचर के विशिष्ट नागरिक रुनु राय के विवाह भवन असम पैलेस में किया जा रहा है। आज शाम को 3:00 बजे से वृंदावन से पधारे मृदुल शास्त्री महाराज के मुखारविंद से भागवत कथा का शुभारंभ हो गया।
बीटी कॉलेज के निकट स्थित असम पैलेस शिलचर में आज से १३ जनवरी तक सप्ताह व्यापी श्रीमद् भागवत कथा आयोजन किया गया है। श्रीधाम वृंदावन के शिष्य और भक्तों द्वारा श्री श्री १००८ श्री महंत गौर गोविंद दास गोस्वामी महाराज के १७वें पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में भागवत कथा का आयोजन किया गया है। श्रीधाम वृंदावन के सुप्रसिद्ध कथा वाचक मृदुल कांत शास्त्री जी महाराज ७ दिन हिंदी में अपना प्रवचन करेंगे। श्रीमद् भागवत कथा आयोजन में वृंदावन और अयोध्या के कई विशिष्ट साधु- संत व महन्त का आगमन हुआ है। महंत गौर गोपाल दास गोस्वामी महाराज ने पत्रकारों को बताया कि आज से १२ जनवरी तक प्रतिदिन सायं ३:०० बजे से ६:०० बजे तक श्रद्धालु भक्त कथा का रसास्वादन कर सकेंगे। १३ जनवरी को सुबह ९:०० बजे से १२:०० बजे तक कथा होगी तत्पश्चात वैदिक यज्ञ के माध्यम से श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति की जाएगी। इसके पश्चात महाप्रसाद की व्यवस्था रहेगी। कथा आयोजन के दौरान प्रतिदिन श्रीमद् भागवत का मूल पाठ, पूजा-अर्चना, तुलसी अर्चना, यज्ञ, दीक्षा इत्यादि अनुष्ठान भी आयोजित किए जाएंगे। बताया गया कि बराक उपत्यका में पहली बार जगन्नाथ महाप्रभु का ३२ प्रकार का दर्शन कराया जाएगा। प्रतिदिन कथा के बाद सांस्कृतिक अनुष्ठान होगा और उसके पश्चात प्रसाद वितरण किया जाएगा। भागवत कथा के दौरान चिकित्सा शिविर और वस्त्र वितरण जैसे विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।