भागा (असम)–शेरखान (मिजोरम) सीमा मार्ग पर करीब दो किलोमीटर का हिस्सा बेहद जर्जर, वाहन चालकों व आम लोगों की परेशानी बढ़ी
असम–मिजोरम सीमा पर स्थित भागा–शेरखान सड़क की हालत दिनोंदिन भयावह होती जा रही है। लगभग दो किलोमीटर लंबा असम के करकट क्षेत्र का हिस्सा बड़े-बड़े गड्ढों में तब्दील हो गया है, जिसके चलते प्रतिदिन मालवाहक ट्रक, यात्री बसें और स्कूली–कॉलेज छात्र-छात्राओं को भारी दुश्वारियाँ झेलनी पड़ रही हैं।
यह मार्ग असम के भागा बाज़ार से मिजोरम के शेरखान होते हुए राष्ट्रीय राजमार्ग 306 से जुड़ता है और राजधानी आइजोल तक पहुँचने का एक अहम विकल्प है। फिलहाल शिलचर–आइजोल राष्ट्रीय राजमार्ग (कनपुई–सैरंग–आइजोल) लंबे समय से खराब होने के कारण अधिकतर वाहन इस वैकल्पिक सड़क का उपयोग करने को मजबूर हैं। मगर करकट क्षेत्र में सड़क की दुर्दशा ने स्थिति और भी गंभीर बना दी है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि भागा से करकट तक असम भाग पर कई बार बजट आवंटित होने के बावजूद सीमा क्षेत्र के इन दो किलोमीटर पर अब तक कोई मरम्मत नहीं हुई। बरसात के दिनों में गड्ढों से भरी सड़क पर ट्रक और यात्री वाहन अक्सर फँस जाते हैं। कई बार तो चालक अपने खर्चे से एक्सकेवेटर किराए पर लेकर गाड़ियों को बाहर निकलवाते हैं। इससे आम यात्रियों और परिवहन व्यवसायियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
क्षेत्रवासियों ने नाराज़गी जताई है कि धोलाई विधानसभा क्षेत्र से निर्वाचित विधायक निहार रंजन दास को उन्होंने एकजुट होकर जिताया, लेकिन चुनाव के बाद से वे एक बार भी क्षेत्र में झाँकने नहीं आए। परिणामस्वरूप लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।
पीड़ित लोगों का कहना है कि यह सड़क न केवल हज़ारों परिवारों की आजीविका से जुड़ी है बल्कि सीमा क्षेत्र की अर्थव्यवस्था की धुरी भी है। इसलिए सड़क का तत्काल नवीनीकरण अनिवार्य है। स्थानीय नागरिकों ने मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत विश्व शर्मा से शीघ्र हस्तक्षेप कर सड़क मरम्मत का काम शुरू करने की अपील की है।
सीमा के लोग अब एक ही सवाल पूछ रहे हैं – आखिर कब बनेगी उनकी यह जीवनरेखा सड़क?





















