प्रे.स. पाथरकांदी, 19 मार्च: बराक चाय श्रमिक यूनियन के हीरक जयंती समारोह में असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव प्रदीप ग्वाला ने मुख्यमंत्री और शिलचर के सांसद की अनुपस्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिलचर में मौजूद होने के बावजूद समारोह में शामिल नहीं हुए, जिससे यह स्पष्ट हो गया कि भाजपा कभी भी चाय जनजाति या चाय बागानों के हित में काम नहीं करती, बल्कि केवल उन्हें वोट बैंक की तरह इस्तेमाल करती है।
प्रदीप ग्वाला ने चाय जनजाति समुदाय से अपील की कि वे इस उपेक्षा को समझें और अपने हितों के प्रति सतर्क रहें। उन्होंने कहा कि इस समारोह में मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे, लेकिन शिलचर में उपस्थित रहने के बावजूद उन्होंने चाय श्रमिकों के कार्यक्रम को नजरअंदाज किया। इसे उन्होंने समुदाय की घोर उपेक्षा करार दिया।
उन्होंने कहा कि चाय बागान समुदाय हमेशा सरकार गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, फिर भी उनके साथ भेदभाव और उपेक्षा की परंपरा जारी है। बराक चाय श्रमिक यूनियन हमेशा चाय बागानों और श्रमिकों के विकास के लिए काम करती आई है। इसका उदाहरण असम के महानतम चाय श्रमिक नेता और पूर्व मंत्री स्वर्गीय दिनेश प्रसाद ग्वाला तथा दिवंगत विधायक जगन्नाथ सिंह हैं, जिन्होंने अपने जीवन की अंतिम सांस तक चाय श्रमिकों और मजदूर वर्ग के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
प्रदीप ग्वाला ने आरोप लगाया कि बराक घाटी के भाजपा के कई विधायक और मंत्री, जो चाय बागान समुदाय के वोटों से निर्वाचित हुए हैं, इस समारोह में आमंत्रित होने के बावजूद शामिल नहीं हुए। यहां तक कि शिलचर के सांसद भी अनुपस्थित रहे। इसे उन्होंने समुदाय के प्रति भाजपा की घोर लापरवाही करार दिया।