उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वसई (पालघर ) की अपनी जनसभा में कहा कि मोदी जी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने दीजिए, अगले 6 महीने के अंदर ‘पाक अधिकृत कश्मीर’ भी भारत का हिस्सा होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पाकिस्तान को पीओके को बचाना भी मुश्किल हो रहा है। ये नया भारत है, बिना रुके, बिना डिगे, बिना हटे और बिना डरे आज मोदी जी के नेतृत्व में विकास की यात्रा को आगे बढ़ा रहा है।सीएम योगी ने आगे कहा कि कांग्रेस की सरकार के समय क्या होता था। आतंकवाद होता था। मुंबई में जब विस्फोट हुए तो कांग्रेस क्या कहती थी कि आतंकवादी सीमा पार के हैं। अरे सीमा पार के हैं तो आपकी मिसाइल कब के लिए हैं। जैसे मोदी जी ने एयर स्ट्राइक करके। सीधे पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवाद को पूरी तरह तबाह किया। सीएम योगी ने यह भी कि कहा ब्रिटेन के एक बड़े समाचार पत्र ने लिखा कि पाकिस्तान के अंदर पिछले तीन वर्ष के अंदर जितने बड़े दुर्दांत आतंकवादी थे, वे एक-एक करके मारे गए। मारने वालों में भारत की एजेंसी का हाथ है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भई अब जो हमारे दुश्मन है, हम उसकी पूजा थोड़ी करेंगे। कोई हमारे लोगों को मारेगा, तो हम उसको पूजेंगे नहीं भई, हम भी वो ही करेंगे जिसका वो हकदार है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, “अब तो पाकिस्तान को पाक अधिकृत कश्मीर को बचाना मुश्किल हो रहा है। आप देखना चुनाव के बाद मोदी जी को तीसरा बार प्रधानमंत्री बनने दीजिए, अगले छह महीने के अंदर आप देखेंगे कि पाक अधिकृत कश्मीर भी भारत का हिस्सा होगा। यूपी सीएम के अनुसार इसके लिए हिम्मत चाहिए होता है। दम हो तभी ये काम होता है। ये कांग्रेस की तरह नहीं, इंडी गठबंधन की तरह नहीं कि हम आतंकवाद पर कुछ नहीं कर सकते क्योंकि ये तो पाकिस्तान से हैं। आज अगर वह (पाकिस्तान) कुछ करता है, थोड़ी सी टेढ़ी नजर करके वो भारत की तरफ देखता क्या है कि उससे पहले ही उसकी नजरों को निकालकर फेंक दिया जाता है कि चुप, ये नहीं चलेगा।
इसके पूर्व भाजपा के कई बड़े नेताओं के अनुसार भारत सरकार ने जिस तरह आर्टिकल 370 निरस्त कर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख दो केंद्र शासित प्रदेश बनाए, उसी तरह अब अगले कदम में पाकिस्तान अधिकृत जम्मू-कश्मीर (POK ) को भारत में मिलाने की चर्चा जोर पकड़ने लगी है। पोओके को भारत में मिलाने की मांग को लेकर दिग्गज नेताओं के बयान भी सामने आ रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीओके भारत का हिस्सा है और हम इसे लेकर रहेंगे। POK में विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि 2019 में अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद एक समय अशांत रहे कश्मीर में शांति लौट आई है, लेकिन पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर अब विरोध प्रदर्शनों और आजादी के नारों से गूंज रहा है।
बीत दिन बीजेपी के दिग्गज नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि पाकिस्तान ने हमला किया था जम्मू-कश्मीर पर, हमारी सेनाएं बहादुरी के साथ लड़ रही थी, अगर तीन दिन और युद्ध विराम नहीं होता, तो पीओके होता ही नहीं, सारा का सारा कश्मीर हमारा होता। कांग्रेस और पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पाप किया और युद्धविराम कर दिया, जिस कारण पीओके पाकिस्तान में रह गया। आज भारतीय जनता पार्टी का संकल्प है कि अब पीओके हमारा है और हम उसे लेकर रहेंगे, वो भारत का अभिन्न अंग है। उन्होंने कहा कि ये एतिहासिक भूल, अपराध और पाप है, जो पंडित जवाहरलाल नेहरू ने किया। क्या-क्या नहीं किया, एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान कौन लेकर आया। कश्मीर हमारा था, हम लोग नारे लगाते रहे कि एक देश में दो निशान, दो विधान, दो प्रधान नहीं चलेंगे, लेकिन कांग्रेस ने ये पाप किया और धारा 370 लगा दी। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रणाम करता हूं कि उन्होंने एक झटके में धारा-370 खत्म करके देश से दो निशान, दो विधान, दो प्रधान हटा दिए।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी इशारा किया कि भारत के संविधान के अनुसार, पूरा जम्मू-कश्मीर हमारा है। पूरे जम्मू-कश्मीर को भारत में लाना हमारी संवैधानिक जिम्मेदारी है और उस जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए हमें 400 सीटें चाहिए।
उधर सरकार विरोधी प्रदर्शन जो पीओके में हो रहा है उसकी खलबली पूरे पाकिस्तान में मच गई है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर यानी पीओके में आवाम सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर आई है। पीओके में जोरदार तरीके से विरोध प्रदर्शन हो रहा है। पीओके में जारी इस प्रदर्शन की गूंज अब विदेशों में भी सुनाई देने लगी है। पीओके की आवाम सरकार के फैसले और बढ़ती महंगाई से त्रस्त हो चुकी है। यही वजह है कि आवाम शहबाज सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही है और भारत में शामिल होने की मांग कर रही है। पीओके में प्रदर्शन का लेवल इतना बड़ा हो गया है कि पाकिस्तान सरकार थर्रा गई है। शहबाज सरकार किसी तरह इस प्रदर्शन की आवाज को दबाना चाहती है। यही वजह है कि अशांत पीओके को शांत करने के लिए आनन-फानन में सरकार ने 23 अरब रुपये आवंटित कर दिए।
हालांकि, पीओके में विरोध-प्रदर्शन की धमक अभी कम नहीं हुई है। पीओके में गेहूं के आटे, बिजली की ऊंची कीमतों और अधिक कर के खिलाफ लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं। बीते कुछ दिनों से लगातार हड़ताल जारी है। प्रदर्शन का आलम यह है कि पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें भी हो रही हैं। पीओके में लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। पीओके में महंगाई इतनी बढ़ गई है कि आटा-दाल लोगों की औकात से बाहर की चीजें हो गई हैं। पीओके में जारी प्रदर्शन में सैकड़ों लोग घायल हो चुके हैं, बावजूद इसके प्रदर्शन की आंच अभी कम नहीं हो रही है। पीओके की स्थिति को लेकर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ काफी टेंशन में आ गए हैं। टेंशन में आने की एक वजह यह भी है कि पीओके में पाकिस्तान विरोधी नारे लग रहे हैं और भारत में शामिल किए जाने की मांग उठने लगी है।
अब सवाल उठता है कि आखिर पीओके में अभी जो सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद हो रही है, उसके पीछे कौन है? दरअसल, पाकिस्तान के कब्जे वाले पीओके में यह विरोध-प्रदर्शन जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट आवामी एक्शन कमेटी के बैनर तले हो रहा है। यही वह कमेटी है, जिसने शहबाज सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद की और उसके बैनर तले सरकार के फैसलों से परेशान आवाम जुड़ती चली गई। बताया जाता है कि इस इस जम्मू-कश्मीर ज्वाइंट आवामी एक्शन कमेटी में सबसे अधिक संख्या कारोबारियों की है। कमेटी ने पूर्ण हड़ताल का आह्वान किया है, जो पिछले 5-7 दिनों से जारी है। सरकार के खिलाफ प्रदर्शन में दुकानदार से लेकर कारोबारी भी शामिल है, जो अपनी दुकानों को बंद कर इस प्रदर्शन को सफल बनाने में जुटे हैं। पुलिस ने जम्मू-कश्मीर ज्वॉइंट आवामी एक्शन कमेटी के 70 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया है।
पीओके के कई हिस्सों जैसे समाहनी, सेहंसा, मीरपुर, रावलकोट, खुइरट्टा, तत्तापानी और हट्टियन बाला में हड़ताल जारी है और लोग लगातार पाकिस्तान सरकार के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। पीओके की आवाम का कहना है कि उनके साथ पाकिस्तानी हुकूमत भेदभाव कर रही है। पीओके के नेता इलाके में बिजली वितरण में इस्लामाबाद सरकार द्वारा कथित भेदभाव का विरोध कर रहे हैं। शनिवार को पुलिस और मानवाधिकार आंदोलन के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुईं, जिसमें एक पुलिस अफसर की मौत हो गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए। पीओके में पूर्ण हड़ताल की वजह से जनजीवन पूरी तरह से ठप हो गया है और लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
दरअसल, पीओके में गेहूं के आटे, बिजली की ऊंची कीमतों के साथ अधिक टैक्स के खिलाफ प्रदर्शन जारी है। पीओके की राजधानी मुजफ्फराबाद में एक लंबा मार्च भी निकाला गया । वहां रोजमर्रा की चीजें काफी महंगी हो गई है, बिजली की कीमतें भी अधिक हो गई हैं और अधिक टैक्स भी चुकाना पड़ रहा है। यही वजह है कि पीओके की परेशान आवाम यह प्रदर्शन कर रही है। दूसरी वजह यह भी है कि पीओके के लोग अब जम्मू-कश्मीर के लोगों की जिंदगी से अपनी तुलना कर रहे हैं। तुलना करने में वे अपने आपको काफी पिछड़े पाते हैं। यही वजह है कि पाकिस्तानी हुकूमत के खिलाफ उनका गुस्सा भड़क उठा है और पीओके में कई नेता और लोग पाकिस्तान से आजादी और भारत में शामिल होने की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान में जारी आर्थिक संकट और महंगाई की वजह से पीओके के लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
कुछ जानकार लोगों का कहना है कि केवल सरहद खोलने की देर है POK के लोग खुद ब खुद भारत के लोगों को गले लगा लेंगे । बताया जाता है कि हालिया प्रदर्शनों में POK के लोगों की मांग उन्हें भारत के लद्दाख क्षेत्र में मिला देने की है। इस मांग के तेज होते ही पाकिस्तान सरकार की नींद वैसे ही उड़ी हुई है। इस विरोध प्रदर्शन के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। रैली में लोगों ने कारगिल सड़क को खोलने की मांग की। उन्होंने नारा लगाया कि ‘आर पार जोड़ दो, कारगिल को खोल दो।’
अशोक भाटिया,
वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार ,लेखक, एवं टिप्पणीकार
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ASHOK BHATIA
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